धर्म संवाद/ डेस्क : हमारे देश के कई मंदिरों में अलग – अलग नियम है जैसे कि कुछ मंदिरों में बिना धोती या साड़ी पहने प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।वही कुछ मंदिरों में गैर- हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है। वैसे ही कुछ मंदिर ऐसे है जहाँ महिलाओँ को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।चलिए जानते हैं ऐसे मंदिर और इनके पीछे की कहानी के बारे में ।
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पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल
इस मंदिर को देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक मंदिर माना जाता है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए देश – विदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं। माना जाता है कि सबसे पहले इसी स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा प्राप्त हुई थी। यहां महिलाएं भगवान विष्णु की पूजा तो कर सकती हैं लेकिन मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने की अनुमति उन्हें नहीं है।
सबरीमाला मंदिर, केरल
सबरीमाला मंदिर देश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर हिंदू देवता अयप्पन को समर्पित है। कहा जाता है कि अयप्पन ब्रह्मचारी देवता है और इस मंदिर में आकर पूजा करने के लिए भक्तों को 41 दिनों का व्रत रखना पड़ता है। ऐसे में पीरियड के कारण महिलाएं ये व्रत पूरा नहीं कर पाती हैं, इसलिए इस मंदिर के परिसर में महिलाओं को नहीं जाने दिया जाता है। आपको बता दे सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी, इसके बावजूद आज भी स्थानीय लोग यहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित मानते है। मंदिर में 10 साल की लड़की से लेकर 50 साल की महिला तक मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती। यहां साल में केवल दो बार 14 जनवरी और 15 नवंबर को मंदिर के पट खुलते हैं।
कार्तिकेय मंदिर, पुष्कर
राजस्थान के पुष्कर में स्थित कार्तिकेय मंदिर में भी महिलाओं का प्रवेश पूरी तरह वर्जित माना जाता है। इस मंदिर में भगवान कार्तिकेय की ब्रह्मचारी रूप की पूजा होती है। मान्यता है कि ब्रह्मचारी होने के कारण कोई भी महिला यदि यहां दर्शन करने पहुंचती है तो उसे शाप मिलता है। इसीलिए महिलाएं इस मंदिर में जाने से खुद भी बचती हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश करने पर कुमार कार्तिकेय नाराज हो जाते हैं। क्योंकि यहां अप्सराओं ने तपस्या कर रहे कार्तिकेय को विचलित करने का प्रयास किया था।
मावली मंदिर, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल के धमतरी से 5 किलोमीटर की दूरी पर मावली माता का एक मंदिर है। इस मंदिर में भी महिलाएं प्रवेश नहीं करती हैं। इसके पीछे मान्यता है कि माता ने सपने में बताया था कि वह कुंवारी है इसलिए उनके मंदिर में महिलाएं न प्रवेश करें।
बाबा बालक नाथ मंदिर, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में पहले महिलाओं का प्रवेश वर्जित था, लेकिन अब नहीं है। लेकिन आज भी महिलाएं बाबा की गुफा के बाहर बने चबूतरे से ही दर्शन कर सकती हैं।
जैन मंदिर, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के गुना में स्थित जैन मंदिर में भी महिलाओं को आसानी से अनुमति नहीं मिलती। खासतौर पर वेस्टर्न ड्रेस पहनकर महिलाएं इस मंदिर में नहीं आ सकतीं। यही नहीं यहां महिलाओं को मेकअप करके आने की भी अनुमति नहीं हैं। साथ ही यहां पर मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के आने पर रोक है। इस मंदिर के मुख्य देवता भगवान शांतिनाथ हैं।
शनि शिंगणापुर मंदिर, अहमदनगर, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के अहमदाबाद जिले में मौजूद शनि शिंगणापुर मंदिर एक बेहद ही प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर है। ये मंदिर शनि देव को समर्पित है। यहां भी मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। कहा जाता है कि महिलाओं के निकट जाने से शनिदेव खतरनाक तरंग छोड़ने लगते हैं। परन्तु,वर्ष 2016 में भारी विरोध के कारण इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति मिली।