मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग? जाने धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

By Admin

Published on:

धर्म संवाद / डेस्क : मकर संक्रांति का पर्व पुरे देश में बड़े धूमधाम से बनाया जाता है। साल 2024 में ये पर्व 15 जनवरी को मनाया जायेगा। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन स्नान-दान करने की परम्परा है। इस दिन तिल का विशेष महत्त्व है। साथ ही पतंग उड़ाने की भी परंपरा है।इसलिए इस दिन को पतंग पर्व भी कहा जाता है। चलिए इसके पीछे की कहानी जानते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्रीराम ने शुरु की थी। भगवान राम ने जो पतंग उड़ाई थी, वो इंद्रलोक तक पहुंच गई थी। यही वजह है कि इस दिन पतंग उड़ाई जाती है। पतंग को खुशी, आजादी और शुभता का संकेत माना जाता है। इसलिए इन दिनों में पतंग उड़ाने से खुशी का संदेश जाता है।

[short-code1]

यह भी पढ़े : मकर संक्रांति पर दान क्यों करते हैं?, जाने पौराणिक कथा

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

इसके पीछे वैज्ञानिक और सेहत से जुड़े लाभ भी है। दरअसल, मकर संक्रांति पर सूर्य से प्राप्त होने वाली धूप बेहद लाभकारी होती है। वैज्ञानिक दृष्टि से इस दिन सूर्य की किरणें शरीर के लिए अमृत के समान होती हैं, जो विभिन्न रोगों को दूर करने में मदद करती है मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने से शरीर सूर्य की किरणों के संपर्क में रहता है। सर्दी के मौसम में खांसी, जुकाम और संक्रामक रोग हो जाते हैं। ऐसे में मकर संक्रांति के दिन सूर्य के अस्त होने के कारण किरणें शरीर के लिए औषधि का काम करती हैं। साथ ही धूप से विटामिन D भी मिलता है जो शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है।

See also  अयोध्‍या धाम जंक्‍शन से कैसे पहुंचे राम मंदिर, जाने क्या -क्या है साधन

पतंग को खुशी ,प्यार और शुभता का संदेश देने वाली भी माना जाता है। इस दिन लोग खुले आकाश के नीचे एकत्रित होकर सामूहिक रूप से पतंग उड़ाते हैं जिससे आपसी भाई चारा भी बढ़ता है।

Admin