धर्म संवाद / डेस्क : उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर कई रहस्यों से भरा है. यहाँ श्री कृष्ण जगन्नाथ रूप में विराजमान है. कहते हैं प्रभु जगन्नाथ के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी दुख मिट जाते हैं. इस मंदिर से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं जिनका जवाब आज तक विज्ञान भी नहीं खोज पाया. जगन्नाथ मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों को तीसरी सीढ़ी पर पैर नहीं रखना चाहिए. चलिए जानते हैं क्या है जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी का रहस्य.
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जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर गलती से भी पैर नहीं रखना चाहिए. कहते हैं यह यमराज की शीला है. मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते समय 22 सीढ़ियां पड़ती हैं और तीसरी सीढ़ी को यमशिला कहा गया है और इस सीढ़ी पर पैर रखने वाले व्यक्ति को यमलोक जाना पड़ता है. इसके पीछे एक पौराणिक कथा मिलती है.
दरअसल भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर हर कोई पाप मुक्त होने लगा था . ये देखकर यमराज भगवान जगन्नाथ के पास पहुंचे और कहा, भगवन आपने पाप मुक्ति का ये बहुत ही सरल उपाय बता दिया है. लोग आपके दर्शन कर बड़ी ही आसानी से पाप मुक्त होने लगे और कोई भी यमलोक नहीं आता है. यमराज जी की ये बात सुनकर भगवान जगन्नाथ ने कहा कि, आप मंदिर के मुख्य द्वार की तीसरी सीढ़ी पर अपना स्थान ग्रहण करें जो ‘यम शिला’ के रूप से जाना जाएगा. जो कोई भी मेरे दर्शन के बाद उस शिला पर पैर रखेगा उसके सारे पुण्य खत्म हो जाएंगे और उन्हें यमलोक जाना पड़ेगा.
यही कारण है कि दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश करते समय पैर सीढ़ियों पर रखने पड़ते हैं , लेकिन दर्शन के बाद लौटते समय उस सीढ़ी पर पैर नहीं रखने की सलाह दी जाती है. इस सीढ़ी का रंग काला है और जो कि बाकी सीढ़ियों से बिल्कुल अलग रंग की है.