Do you want to subscribe our notifications ?

क्या है लाल किताब ? क्या है ज्योतिष शास्त्र से इसका संबंध

By Tami

Published on:

लाल किताब

धर्म संवाद / डेस्क : ज्योतिष शास्त्र में कई ग्रंथ हैं। उन्मे से एक है लाल किताब । कुछ लोग मानते हैं कि इसे लंकापति रावण ने लिखी थी। कुछ इसे अरब का ज्योतिष मानते हैं और कुछ लोग इसे हिमाचल की प्राचीन विद्या मानते हैं। इसकी रचना किसने की ये अभी तक पता नहीं चल पाया। कहते हैं लाल किताब पांच किताबों से मिलकर बनी है, जो जीवन की अलग अलग स्थितियों से निपटने के उपाय बताती है और साथ ही भविष्यवाणियां भी करती है। 

यह भी पढ़े : कुंडली में क्यों लगता है पितृदोष

मूल तौर पर ये पुस्तक काव्यात्मक छंद के रूप में है। माना जाता है सबसे पहले लाहौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी रूपचंद जोशी ने लिखकर प्रकाशित कराया था। हालांकि कुछ लोग कहते हैं कि इस किताब को मुख्य तौर पर पाकिस्तान के पंजाब में रहने वाले पंडित गिरधारी लाल जी शर्मा को लाहौर के एक निर्माण स्थल से उर्दू और फ़ारसी भाषा में लिखी कुछ ताम्र लिपियां मिलीं। वह ना केवल ज्योतिषी थे बल्कि विशेषज्ञ भाषाविद् भी थे।पंडित जी ने कई वर्षों तक उन लिपियों का अध्ययन किया। फिर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि वे लिपियां वास्तव में ज्योतिष से संबंधित हैं और लाल किताब से हैं।

लाल किताब की कुछ ऐसी विशेषताएँ हैं जो इसे बाकी ज्योतिष शास्त्र के ग्रंथों से भिन्न बनाती है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह विभिन्न परिस्थितियों में होने का कारण और उससे बचने के निवारण के उपाय और टोटके भी बताती है। ये टोटके बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है । हर कोई उन टोटकों को कर सकता है और लाभ पा सकता है। जैसे, विशिष्ट दिनों में विशिष्ट रंग के कपड़े पहनना, कुछ अन्न या सिक्के पानी में बहाना, अपने पास कुछ चीजें रखना आदि। यन्त्र मंत्र और तंत्र से ये उपाय बहुत अलग है।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

Exit mobile version