धर्म संवाद / डेस्क : ज्योतिष शास्त्र में काल सर्प दोष को बहुत ही अशुभ माना गया है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष होता है तो व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित होता है। आइए जानते हैं कालसर्प दोष क्या है, कालसर्प दोष की पूजा विधि और फायदे और कालसर्प दोष के लक्षण।
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ज्योतिष शास्त्र ये भी कहता है कि जब व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच जब सभी ग्रह आ जाते हैं तब काल सर्प दोष नामक योग का निर्माण होता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष होता हैं इस व्यक्ति को अक्सर सपने में मृत लोग दिखते हैं। इतना ही नहीं कुछ लोगों को तो यह भी दिखाई देता है कि कोई उनका गला दबा रहा हो। जिस व्यक्ति के जीवन में काल सर्प दोष होता है उसे जीवन में बहुत तकलीफ सहना पड़ता है और जब उसको जरुरत होती है तब उसे अकेलापन महसूस होता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्ति आर्थिक तंगी, करियर में असफलता और स्वास्थ्य को लेकर अक्सर परेशानियों से भी जूझता है, लेकिन कुछ उपायों से काल सर्प दोष के अशुभ फलों को कम किया जा सकता है।
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि काल सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए जातक को घर में मोरपंख धारण किए भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा घर में स्थापित करनी चाहिए। साथ ही हर दिन उनकी पूजा करनी चाहिए और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का नियमित रूप से 108 बार जाप करना चाहिए। इसके साथ यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को सोमवार के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए। इसके साथ वह मिट्टी के सवा लाख महादेव बनाकर उनकी पूजा कर सकते हैं। ऐसा करने से काल सर्प दोष के प्रभाव से छुटकारा मिल सकता है।
काल सर्प दोष को दूर करने के लिए आप ‘महामृत्युंजय मंत्र’ या ‘ऊँ सर्पेभ्यो नम:’मंत्रों का जाप कर सकते हैं।यह शक्तिशाली मंत्र आपको समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करेंगे। इसके अलावा हनुमान चालीसा का रोजाना 11 बार पाठ करना चाहिए।