आखिर गणेश जी को मोदक इतना प्रिय क्यों है? इसके पीछे खास वजह है ।
प्रचलित कथा के मुताबिक, जब परशुराम जी ने गणेश जी का दांत तोड़ दिया था।
तब गणेश जी को खाना चबाने में परेशानी होने लगी तो उनके लिए मोदक तैयार करवाए गए।
मोदक मुलायम होते हैं और इसे चबाना नहीं पड़ता है। इसलिए तभी से मोदक गणपति का प्रिय व्यंजन बन गया।
दूसरी कथा के मुताबिक, एक बार माता अनुसुइया ने गणेश जी को खाना खिलाया पर गणपति की भूख खत्म ही नहीं हो रही थी।
तब माता अनुसुइया ने गणेश जी को मोदक का एक टुकड़ा खिला दिया जिससे उनका पेट भर गया।
मान्यता है कि गणेश जी को अगर 21 मोदक चढ़ाएं जाते हैं तो उनके साथ साथ बाकी के सभी देवी- देवताओं का पेट भी भर जाता है।
मोद का अर्थ खुशी या हर्ष होता है। और कहते हैं कि मोदक अमृत से बनाया जाता है। इसलिए भी गणेश जी को ये प्रिय है।
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