आपने लोगों को रत्न जड़ित अंगूठियाँ पहने अवश्य देखा होगा।
ज्योतिष शास्त्र में 84 रत्नों का वर्णन किया गया है, लेकिन 9 मुख्य रत्न बताए गए हैं।
रत्न हमेशा शरीर के खुले हिस्सों पर पहने जाते हैं यानी जहां प्राकृतिक रोशनी सबसे ज्यादा आती है, इसलिए हाथ में पहनना ज्यादा प्रभावी माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि रत्नों में कई तरह की दैवीय और सकारात्मक शक्तियां होती हैं।
किसी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ ग्रहों को शुभ बनाने या शुभ ग्रहों को और अधिक शुभ बनाने के लिए रत्न पहनने की परंपरा है।
रत्न पहनने से न केवल ग्रह अनुकूल रहते हैं बल्कि कई तरह की बीमारियों से भी बचाव होता है।
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