प्रयागराज के महाकुंभ में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है.
आखिर महाकुंभ में आ रहे श्रद्धालुओं की संख्या को कैसे मापा जा रहा है? आइए समझते हैं।
कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए यूपी सरकार ने हाईटेक उपकरणों का सहारा लिया है और इस बार AI बेस्ड कैमरे की मदद से लोगों की गिनती की जा रही है.
सरकार ने महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती करने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई है और इस टीम का नाम है क्राउड असेसमेंट टीम.
यह टीम रियल टाइम बेसिस पर महाकुंभ में आने वाले लोगों की गिनती कर रही है ।
ड्रोन के जरिए भी एक निश्चित दायरे में भीड़ के घनत्व को मापकर उसे इस क्राउड असेसमेंट टीम को भेजा जाता है।
इतना ही नहीं, एक डेडीकेटेड ऐप है, जो मेले में मौजूद लोगों की हाथों में मोबाइल की औसत संख्या तक ट्रैक कर रहा है।
टेक्नोलॉजी बेस्ड क्राउड गैदरिंग असेसमेंट के साथ ही लोकल इंटेलिजेंस यूनिट भी संख्या का आंकड़ा निकाल रही है।
सटीक अनुमान के लिए AI बेस्ड हाईटेक कैमरे लगाए गए हैं, वो 360 डिग्री कैमरे हैं. इस तरह के कैमरे पूरे मेला क्षेत्र में लगे हुए हैं, जिनमें 1100 फिक्स्ड कैमरे हैं और करीब 744 अस्थाई कैमरे हैं.
यह कैमरे महाकुंभ में आने वाले लोगों के चेहरों को स्कैन करते हैं और वहां मौजूद भीड़ के हिसाब से यह अनुमान लगाते हैं कि कितने घंटे में कितने लाख लोग महाकुंभ के मेला क्षेत्र में आए हैं.