धर्म संवाद / डेस्क : वास्तु शास्त्र कहता है घर की चीज़े आपका स्वभाव और आपका भाग्य तय करती हैं। आपके घर की चीज़े आपके बारे में बहुत कुछ बताती है। घर के भीतर रखी हर चीज के भीतर एक ऊर्जा होती है, जो इंसान के जीवन को प्रभावित करती है। उचित दिशा में उचित सामान ना रखा जाए तो उसका बुरा असर हमारे जीवनशैली पर पड़ता है। उन सभी सामानों में घड़ी भी आती है। गलत दिशा में घड़ी लगाने से आपको अनेकों प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन वहीं सही दिशा में लगी हुई घड़ी आपके जीवन को सुखी और समृद्धि बना सकती है। आइये जानते हैं घड़ियों से जुड़े नियम।
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- वास्तु के अनुसार, घड़ी को घर की पूर्व दिशा में लगाने से घर में बरकत आती है। पूर्व और उत्तर दिशा में सत्व ऊर्जा का प्रवाह अधिक होता है इसलिए घर में घड़ी हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में लगानी चाहिए।
- दक्षिण दिशा के स्वामी मृत्यु के देवता यमराज को माना गया है, इसलिए दक्षिण दिशा की ओर लगी घड़ी में समय देखना अशुभ माना जाता है। इस दिशा में घड़ी लगाने से घर से सदस्यों की उन्नति रुक जाती है और घर के मुखिया का स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
- दरवाजे के ठीक ऊपर भी घड़ी को न लगाएं, दरवाजे पर घड़ी लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है जिससे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- कभी भी घर में बंद या टूटी घड़ी नहीं रखना चाहिए। इससे जीवन में दु:ख और दरिद्रता आती है। खराब घड़ी को जितनी जल्दी हो सके घर से बाहर निकाल देना चाहिए।
- वास्तु अनुसार घर के भीतर पेंडुलम वाली घड़ी को लगाना बेहद शुभ होता है। मान्यता है कि ऐसी घड़ी को लगाने पर समय हमेशा आपके अनुकूल रहता है।
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- घर के मेन गेट के ऊपर भी घड़ी नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने से घर के बाहर की नकारात्मकता आपके जीवन में प्रवेश करने लगती है और तनाव बढ़ने लगता है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार गोल, चौकोर, अंडाकार या आठ व छः भुजाओं वाली घड़ी लगानी चाहिए। इससे वहां की सकारात्मकता बढ़ती है।
- घर में बहुत गहरे रंग जैसे काले, नीले आदि की घड़ी को लगाने से भी बचना चाहिए, क्योंकि ऐसे रंग नकारात्मक ऊर्जा के परिचायक हैं।