इस मंदिर के शिवलिंग की स्थापना स्वयं भगवान शिव ने की थी

By Tami

Published on:

मनकामेश्वर मंदिर

धर्म संवाद / डेस्क : देशभर में भगवान शिव के अनेकों मंदिर हैं। हर मंदिर के अपने रहस्य और कहानियाँ हैं। कुछ मंदिर इतने पुराने हैं कि उनका संबंध त्रेता युग और द्वापर युग का है जब श्रीराम और श्री कृष्ण इस पृथ्वी पर मौजूद थे। वैसा ही एक मंदिर उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित है जिसके बारे में यह कहा जाता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान शिव ने की थी।

यह भी पढ़े : देश का इकलौता ऐसा मंदिर जिसका दरवाज़ा पूरब नहीं पश्चिम की ओर खुलता है

माना जाता है जब भगवान विष्णु ने कृष्ण रूप में धरती पर जन्म लिया था तब समस्त देवी-देवता उनके इस अवतार के दर्शन करने के लिए जा रहे थे। ऐसे में भगवान शिव का भी मन हुआ कि वह भी कान्हा के दर्शन करे और अपनी गोद में खिलाएं। इसलिए पृथ्वी लोक पर आये और उन्होंने प्रण लिया कि अगर वे विष्णु जी के कृष्ण रूप के दर्शन कर पाए तो इस जगह वे एक शिवलिंग की स्थापना करेंगे. लेकिन जब वह गोकुल पहुंचे, तो यशोदा मां ने उनके भस्म-भभूत और जटाएं वाला रूप देखकर उन्हें मना कर दिया। मैया ने कहा कि आपका यह रूप देखकर कान्हा डर जाएगा। तब शिव जी घर के पास ही एक बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगाकर बैठ गए।

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

वहीं, दूसरी ओर जब कान्हा को ये बात पता चली कि स्वयं शिव जी उनसे मिलने आए है, तो उन्होंने अपनी लीला शुरू कर दी। वह मां यशोदा के सामने खूब रोने लगे और शिव जी की ओर इशारा करने लगे। तब यशोदा मां ने शिव जी को बुलाया और कान्हा को उनकी गोद में दे दिया और तुरंत ही वह चुप हो गए।

श्री कृष्ण से मिलकर शिव जी बहुत खुश हो गए। तब आगरा लौटकर वहाँ उन्होंने शिवलिंग की स्थापना की। महादेव ने कहा कि जिस तरह मेरी मनोकामना पूर्ण हुई है, उसी तरह इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से भक्तों की भी हर मुराद पूरी होगी। मान्यता है कि तब से ही यह मंदिर ‘मनकामेश्वर मंदिर’ के नाम से मशहूर है।  

See also  लाक्षागृह का षड्यंत्र, जाने आज कहा है ये जगह और किस हालत में है

यहां स्थित शिवलिंग को चांदी से ढंका गया है। मंदिर में देसी घी से प्रज्वलित की जाने वाली 11 अखंड ज्योतियां 24 घंटे प्रज्वलित रहती हैं। इच्छा पूर्ण होने के पश्चात भक्त दोबारा मनकामेश्वर मंदिर आते हैं और एक-एक दीप प्रज्वलित करते हैं। मंदिर के केंद्र में एक गर्भगृह है जहां शिवजी की प्रतिमा के साथ ही उनके पूर्ण परिवार की भी प्रतिमाएं हैं। इस मंदिर से जुड़ी एक ऐसी भी मान्यता है कि यहां चुनाव में मन्नत मांगने के लिए सांसद, विधायक और प्रधान पद के प्रत्याशी आते हैं। इस कारण यहां राजनीति क्षेत्र से जुड़े लोगों की भी यहां खास भीड़ उमड़ती है।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .