सोशल संवाद / डेस्क : अयोध्या नगरी में राम मंदिर को सबसे अनूठा बनाने का प्रयास जोरों शोरों से चल रहा है . मंदिर के निर्माण शुरू के समय से ही भगवान राम से जुड़े जगहों से खास चीजें लाने का सिलसिला अभी भी जारी है.
रामलला और माता सीता की मूर्तियाँ बनाने के लिए शालिग्राम के पत्थर ख़ास नेपाल से आए थे.
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मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर से विशेष रथ पर सवा 4 फीट ऊंचा पवित्र नर्मदेश्वर शिवलिंग भी लाया गया है. दुनिया के अलग अलग देशों से राम मंदिर निर्माण के लिए चीजें लाई जा रही हैं. इसमें अब एशियाई देश थाईलैंड भी जुड़ गया है. खबर है कि राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा से पहले थाईलैंड से मिट्टी अयोध्या मिट्टी भेजी जा रही है. विश्व हिंदू परिषद के थाईलैंड इकाई के अध्यक्ष सुशील कुमार सराफ ने थाईलैंड से मिट्टी भेजे जाने की जानकारी दी है. बता दें कि थाईलैंड ने राम मंदिर के लिए मिट्टी से पहले दो नदियों का पानी भी भेज चुका है.
थाईलैंड में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अध्यक्ष सुशील कुमार सराफ ने कहा कि थाईलैंड का भारत के साथ गहरा सांस्कृतिक संबंध है. ये और मजबूत होगा. हमें भी अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया है. प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए कई लोग वहां जाएंगे. इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि थाईलैंड से यात्रा करने वालों के लिए राम मंदिर आकर्षण का एक अतिरिक्त बिंदु होगा. अभी तक लोग सारनाथ और बोधगया घूमने आते थे. अब, वे राम मंदिर भी जाएंगे.
आपको बता दे अभी तक करीब दुनिया के 155 देशों से राम मंदिर के लिए पानी भेजा जा चुका है. जिनमें फीजी, मंगोलिया, हैती, ग्रीस, कोमोरोस, कबेवर्डे, मोन्टीनीग्रो, टुवालू, डेनमार्क, भूटान, रोमानियां, अल्बानियां और तिब्बत (चीन) जैसे देश शमिल है.
आपकी जानकारी के लिए बता दे अगले साल 24 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है. और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर के गर्भ गृह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे.