Surya Grahan 2025 : जानें भारत और दुनिया पर इसका प्रभाव

By Tami

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Surya Grahan 2025

धर्म संवाद / डेस्क : 21 सितंबर 2025 को साल का अंतिम आंशिक सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। यह सूर्यग्रहण केवल ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और फिजी के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा। भारत में यह दृश्य नहीं होगा, इसलिए यहाँ सूतक काल मान्य नहीं होगा। ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण कन्या राशि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में लग रहा है।

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ज्योतिषीय प्रभाव और संभावित घटनाएँ

  • कन्या राशि पर वक्री शनि की दृष्टि पड़ने के कारण आने वाले महीनों में कई देशों में सरकार विरोधी आंदोलन और जनाक्रोश देखने को मिल सकता है।
  • विदेशों में पढ़ने गए छात्रों को विशेषकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
  • शेयर बाजार, पर्यटन, सिनेमा और कूटनीति जैसे क्षेत्रों में उतार-चढ़ाव बने रहेंगे।
  • मनोरंजन जगत से जुड़े कुछ बड़े कलाकार विवादों में आ सकते हैं।

भारत और अन्य देशों पर असर

  • भारत की स्वतंत्रता कुंडली के पंचम भाव में यह ग्रहण लग रहा है, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षा क्षेत्र पर असर दिख सकता है।
  • ऑस्ट्रेलिया में पहले से ही भारतीय प्रवासियों को लेकर विरोध की घटनाएँ देखी गई हैं, ऐसे में आने वाले समय में वहाँ नस्लीय तनाव और बढ़ सकता है।
  • न्यूज़ीलैंड में ग्रह दशा अनुकूल होने से वहाँ अपेक्षाकृत सामान्य प्रभाव रहेगा।

कृषि और मौसम

  • बृहत संहिता के अनुसार, इस ग्रहण से धान (चावल) की पैदावार सामान्य से कम हो सकती है।
  • पूर्वोत्तर राज्यों जैसे त्रिपुरा और मणिपुर से कुछ अप्रिय समाचार मिल सकते हैं।
  • दक्षिण भारत में विशेषकर तमिलनाडु में अक्टूबर-नवंबर में अधिक वर्षा के संकेत हैं।
  • कन्या राशि में सूर्यग्रहण लगने से असम और त्रिपुरा जैसे राज्यों को भी परेशानी हो सकती है।

पितृ अमावस्या का महत्व

यह सूर्यग्रहण आश्विन अमावस्या को पड़ रहा है, जिसे पितृ अमावस्या भी कहते हैं। चूँकि भारत में यह ग्रहण दृश्य नहीं होगा, इसलिए यहाँ सूतक काल प्रभावी नहीं रहेगा और सभी लोग सामान्य रूप से पितृकर्म और श्राद्ध कार्य कर सकेंगे।

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Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .