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आरती श्री जनक दुलारी की | Sita Mata Aarti

By Tami

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आरती श्री जनक दुलारी की

धर्म संवाद / डेस्क : आरती के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। पूजा के बाद आरती करने से घर-परिवार से नकारात्मकता दूर होती हैऔर सकरात्मकता आती है। यह सीता जी की सबसे प्रसिद्ध आरती है। अगर आप माता सीता का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो उनकी ये आरती अवश्य करें।

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आरति श्रीजनक-दुलारी की। सीताजी रघुबर-प्यारी की।।
जगत-जननि जगकी विस्तारिणि, नित्य सत्य साकेत विहारिणि।
परम दयामयि दीनोद्धारिणि, मैया भक्तन-हितकारी की।।
आरति श्रीजनक-दुलारी की।

सतीशिरोमणि पति-हित-कारिणि, पति-सेवा-हित-वन-वन-चारिणि।
पति-हित पति-वियोग-स्वीकारिणि, त्याग-धर्म-मूरति-धारी की।।
आरति श्रीजनक-दुलारी की।।

विमल-कीर्ति सब लोकन छाई, नाम लेत पावन मति आई।
सुमिरत कटत कष्ट दुखदायी, शरणागत-जन-भय-हारी की।।
आरती श्री जनक-दुलारी की। सीता जी रघुबर-प्यारी की।।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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