शुक्र स्त्रोत्र : शुक्रवार को करें इस स्त्रोत का पाठ, नहीं होगी धन की कमी

By Tami

Published on:

शुक्र स्त्रोत्र

धर्म संवाद / डेस्क : ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों का अपना अलग महत्व है । हर एक ग्रह किसी न किसी चीज का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र गृह को धन, वैभव, ऐश्वर्य, विलासता, भौतिक सुख, यौन संबंध आदि का कारक माना जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थित होते हैं, उसके जीवन में धन और वैभव की कमी नहीं रहती है। अगर आप भी अपने कुंडली में शुक्र को मजबूत बनाना चाहते है तो हर शुक्रवार के दिन इस स्तोत्र का पाठ करे।

नमस्ते भार्गव श्रेष्ठ देव दानव पूजित ।
वृष्टिरोधप्रकर्त्रे च वृष्टिकर्त्रे नमो नम: ।।1।।
देवयानीपितस्तुभ्यं वेदवेदांगपारग: ।
परेण तपसा शुद्ध शंकरो लोकशंकर: ।।2।।
प्राप्तो विद्यां जीवनाख्यां तस्मै शुक्रात्मने नम: ।
नमस्तस्मै भगवते भृगुपुत्राय वेधसे ।।3।।
तारामण्डलमध्यस्थ स्वभासा भसिताम्बर: ।
यस्योदये जगत्सर्वं मंगलार्हं भवेदिह ।।4।।
अस्तं याते ह्यरिष्टं स्यात्तस्मै मंगलरूपिणे ।

[short-code1]

यह भी पढ़े : श्री गणेश चालीसा | Shree Ganesh Chalisa

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now


त्रिपुरावासिनो दैत्यान शिवबाणप्रपीडितान ।।5।।
विद्यया जीवयच्छुक्रो नमस्ते भृगुनन्दन ।
ययातिगुरवे तुभ्यं नमस्ते कविनन्दन ।6।।
बलिराज्यप्रदो जीवस्तस्मै जीवात्मने नम: ।
भार्गवाय नमस्तुभ्यं पूर्वं गीर्वाणवन्दितम ।।7।।
जीवपुत्राय यो विद्यां प्रादात्तस्मै नमोनम: ।
नम: शुक्राय काव्याय भृगुपुत्राय धीमहि ।।8।।
नम: कारणरूपाय नमस्ते कारणात्मने ।
स्तवराजमिदं पुण्य़ं भार्गवस्य महात्मन: ।।9।।
य: पठेच्छुणुयाद वापि लभते वांछित फलम ।
पुत्रकामो लभेत्पुत्रान श्रीकामो लभते श्रियम ।।10।।
राज्यकामो लभेद्राज्यं स्त्रीकाम: स्त्रियमुत्तमाम ।
भृगुवारे प्रयत्नेन पठितव्यं सामहितै:।।11।।
अन्यवारे तु होरायां पूजयेद भृगुनन्दनम ।
रोगार्तो मुच्यते रोगाद भयार्तो मुच्यते भयात ।।12।।
यद्यत्प्रार्थयते वस्तु तत्तत्प्राप्नोति सर्वदा ।
प्रात: काले प्रकर्तव्या भृगुपूजा प्रयत्नत: ।।13।।
सर्वपापविनिर्मुक्त: प्राप्नुयाच्छिवसन्निधि: ।।14।।

See also  कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए अपनाए यह उपाय

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .