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श्री बृहस्पति देव की आरती 

By Tami

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श्री बृहस्पति देव की आरती 

धर्म संवाद / डेस्क : बृहस्पति देव (Jupiter) हिंदू धर्म और भारतीय ज्योतिष में एक प्रमुख देवता हैं। इन्हें गुरु (या बृहस्पति) के नाम से भी जाना जाता है और वे ज्ञान, शिक्षा, समृद्धि, धार्मिकता, न्याय, और मार्गदर्शन के देवता माने जाते हैं। बृहस्पति देव को विशेष रूप से ब्राह्मणों और शिक्षक वर्ग का देवता माना जाता है, और वे देवताओं के गुरु के रूप में प्रतिष्ठित हैं। बृहस्पति देव की पूजा मुख्य रूप से शिक्षा, ज्ञान, बुद्धि, और धन में वृद्धि के लिए की जाती है। इन्हें गुरु के रूप में सम्मानित किया जाता है, इसलिए विद्यार्थी, शिक्षक और धार्मिक गुरु विशेष रूप से बृहस्पति देव की पूजा करते हैं। बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए करे ये आरती ।

जय वृहस्पति देवा,
ऊँ जय वृहस्पति देवा ।
छिन छिन भोग लगा‌ऊँ,
कदली फल मेवा ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर,
तुम सबके स्वामी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

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चरणामृत निज निर्मल,
सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक,
कृपा करो भर्ता ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

तन, मन, धन अर्पण कर,
जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर,
आकर द्घार खड़े ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

दीनदयाल दयानिधि,
भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता,
भव बंधन हारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

सकल मनोरथ दायक,
सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटा‌ओ,
संतन सुखकारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

जो को‌ई आरती तेरी,
प्रेम सहित गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर,
सो निश्चय पावे ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

सब बोलो विष्णु भगवान की जय ।
बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय ॥

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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