धर्म संवाद / डेस्क : राधा कृष्ण के मंदिर आपको कई मिलेंगे पर एक ही ऐसा मंदिर है जहां देवी रुक्मिणी भी उनके साथ विराजमान है। जी हाँ, एक ऐसा मंदिर भी है जहां श्री राधा , भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकी पत्नी देवी रुक्मिणी एक साथ दर्शन देते हैं। यह अनोखा मंदिर झांसी में है। दावा है कि यह देश का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां श्रीकृष्ण के साथ रुक्मिणी भी हैं। भगवान कृष्ण बीच में हैं, जबकि एक ओर राधा और दूसरी ओर रुक्मिणी विराजमान हैं।
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मंदिर का नाम मुरली मनोहर मंदिर है। कहते हैं कि इसका इतिहास 250 साल पुराना है। इसे झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सास सक्कू बाई ने सन 1780 में बनवाया था। झांसी के साथ पूरे बुंदेलखंड में इस मंदिर को प्रेम की अनोखी निशानी माना जाता है। यह झाँस के राजशाही परिवार की आस्था का प्रमुख मंदिर था। इसमें राजा गंगाधर राव की मां सक्कूबाई पूजा करने आती थीं। मंदिर के भीतर एक सुरंग है जिससे रानी लक्ष्मीबाई स्वयं आकार पूजा किया करती थी। सुरंग अब बंद हो चुकी है। इसके साथ झांसी में अंग्रेजों के आक्रमण के बाद रानी लक्ष्मीबाई के पिता मोरोपंत तांबे इस मंदिर के ऊपरी हिस्से में रहते थे।
झांसी में इस मंदिर को प्रेम की निशानी के रूप में भी पूजा जाता है. हालांकि, इस मंदिर में राधा-कृष्ण के साथ रुक्मिणी जी को क्यों विराजमान किया गया, इसको लेकर ज्यादा जानकारी नहीं है. इस मंदिर में मौजूद राधा-कृष्ण और रुक्मिणी जी के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. यह मंदिर के साथ-साथ भावनाओं और प्रेम का प्रत्यक्ष प्रमाण है। हर साल पौष माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस खास मंदिर में राधा अष्टमी और रुक्मिणी अष्टमी दोनों बोहोत धूम-धाम से मनाई जाती है।