धर्म संवाद / डेस्क : साल में 4 नवरात्रि आती है। उन्मे 2 नवरात्रि गुप्त नवरात्रि। बाकी 2 नवरात्रि- चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि होती है। नवरात्रि में मातारानी के 9 रूपों की आराधना की जाती है। इस दौरान उन्हे प्रसन्न करने के लिए कई भजन गाए जाते हैं। ये भजन उन्मे से एक है।
नवरात्रों की आई है बहार,
जयकारे गूंजे मैया के,
होगा शेरावाली का दीदार,
जयकारे गूंजे मैया के,
नवरात्रो की आई है बहार,
जयकारे गूंजे मैया के ॥
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माँ का भवन सजाया,
फूलों कलियों से महकाया,
हुआ आँगन पवित्तर,
माँ ने करम कमाया,
ज्योत मैया की जगा के,
सबने मिरदंग बजाके,
सब भक्तो ने गाके,
खूब रंग बरसाया,
सपने हुए साकार,
नवरात्रो की आई है बहार,
जयकारे गूंजे मैया के ॥
रूप कंजको का धार,
आती घर घर माता,
खोले मन की जो आँखे,
वो ही दर्शन पाता,
सच्चे भाव से जो कोई,
पूरी हलवा खिलाता,
पूरी करती मुरादे,
सारे जग की विधाता,
करती है बेडा पार,
नवरात्रो की आई है बहार,
जयकारे गूंजे मैया के ॥
नवरात्रों की आई है बहार,
जयकारे गूंजे मैया के,
होगा शेरावाली का दीदार,
जयकारे गूंजे मैया के,
नवरात्रो की आई है बहार,
जयकारे गूंजे मैया के ॥