भारतीय ग्रंथों में भोजन और इसके साथ जुड़े व्यवहार की जीवनशैली

By Tami

Published on:

भोजन

धर्म संवाद / डेस्क : भारतीय ग्रंथों में भोजन को केवल शरीर की आवश्यकता नहीं, बल्कि एक यज्ञ, साधना और संस्कार माना गया है। यहाँ भोजन से जुड़ी जीवनशैली सिर्फ क्या खाया जाए तक सीमित नहीं, बल्कि कब, कैसे, किसके साथ, और किस भाव से खाया जाए — यह सब कुछ स्पष्ट रूप से वर्णित है। यह दृष्टिकोण आयुर्वेद, वेद, उपनिषद, मनुस्मृति, गीता और अन्य धर्मशास्त्रों में गहराई से दिखाई देता है।

यह भी पढ़े : संजीवनी बूटी : कल्पना या आयुर्वेद

भोजन का महत्व (भोजन = यज्ञ):

  • तैत्तिरीय उपनिषद में कहा गया है: “अन्नं ब्रह्म”, अर्थात अन्न ही ब्रह्म है।
  • भोजन को पवित्र और दिव्य माना गया है, जिसे ग्रहण करते समय श्रद्धा और कृतज्ञता आवश्यक है।
  • गीता (17.7) के अनुसार तीन प्रकार के भोजन बताए गए हैं – सात्विक, राजसिक और तामसिक – जो व्यक्ति के स्वभाव को प्रभावित करते हैं।
  • आयुर्वेद के अनुसार भोजन शरीर की त्रिदोषों (वात, पित्त, कफ) के संतुलन के आधार पर करना चाहिए।
  • मनुस्मृति के अनुसार , भोजन शुद्ध, समयानुकूल, और उचित मात्रा में करना चाहिए।
  • चाणक्य नीति के अनुसार अति भोजन (Overeating) से बचने की सलाह दी गई है।
  • भागवत पुराण के मुताबिक, अतिथि को पहले भोजन देना धर्म का कार्य बताया गया है।

भारतीय ग्रंथों में आहार और आचार  को जीवनशैली और स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इसका आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व दोनों है।

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now
आयुर्वेद योग और धार्मिक ग्रंथो में भोजन से संबंधित अचार के कई श्लोक मिलते हैं :

युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु।

युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दुःखहा । 

(श्रीमद्भगवद्गीता ६.१७)     

अर्थ : जो व्यक्ति संयमित भोजन बिहार कर्म और निद्रा का पालन करता है उसका जीवन सुखद होता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण : अधिक या कम भोजन पाचन क्रिया को बिगाड़ता है।  संयमित जीवन शैली शरीर के जैविक घड़ी के अनुसार होती है जिससे स्वास्थ्य बेहतर रहता है।

आहारशुद्धौ सत्त्वशुद्धिः, सत्त्वशुद्धौ ध्रुवा स्मृतिः, स्मृतिलम्भे सर्वग्रन्थीनां विप्रमोक्षः”। 

अर्थ – “जब भोजन शुद्ध होता है, तो मन शुद्ध होता है। जब मन शुद्ध होता है, तो स्मृति स्थिर होती है। जब स्मृति स्थिर होती है, तो सभी बंधनों से मुक्ति मिलती है”. 

वैज्ञानिक दृष्टिकोण : भोजन के समय तनाव या नकारात्मक भावनाओं का प्रभाव पाचन तंत्र मस्तिष्क पर पड़ता है । सकारात्मक और शांत वातावरण में भोजन करने से शरीर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

See also  महाकुंभ का वैज्ञानिक महत्व

“अर्धं जलस्य कुरुते पादं भोजनस्य च ।

शेषं प्राणायामार्थं तद्विद्या नित्यसेविता ।” (योग शास्त्र)

अर्थ: पेट को तीन भागों में विभाजित करें – एक भाग भोजन से भरें, दूसरा पानी से, और तीसरा वायु (प्राणायाम) के लिए खाली रखें।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण : यह पाचन प्रक्रिया को आसान बनाता है और अधिक खाने से होने वाली बीमारियों को रुकता है ।  भारतीय ग्रंथों में अचार को भोजन के साथ शामिल करने का उल्लेख न केवल स्वाद को बढ़ाने के लिए बल्कि उसे वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभों के कारण भी किया गया है । इसमें आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों की मान्यताएं शामिल है । अचार में उपयोग किए जाने वाले मसाले जैसे सौंफ , हल्दी, मेथी, अजवाइन और अदरक पाचन एंजाइम को सक्रिय करते हैं । यह पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है और गैस्ट्रिक समस्याओं को कम करता है । कई अचार प्राकृतिक रूप से फर्मेंटेशन की प्रक्रिया से बनते हैं।

अचार में तीखा और खट्टा स्वाद होता है जो सलाइवा सेक्रेशन को बढ़ाता है । यह भोजन को अच्छे से पचाने और भूख बढ़ाने में सहायक होता है । अचार बनाने में उपयोग किए जाने वाले मसाले, तेल और नमक प्रिजर्वेटिव का काम करते हैं । यह भोजन को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में मदद करता है और साथ ही विटामिन मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत भी है।

हल्दी, मिर्च और सरसों जैसे मसाले में एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं । यह शरीर को संक्रमणों से बचने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।  भारतीय परंपराओं में अचार को विभिन्न मौसमों और भौगोलिक स्थितियों के अनुसार तैयार किया जाता है जैसे ठंड के मौसम में मेथी और अदरक का अचार गर्मी प्रदान करता है जबकि गर्मियों में आम और नींबू का अचार शरीर को ठंडारखता है।

अचार का खट्टा नमकीन और मसालेदार स्वाद भोजन के अन्य व्यंजनों के स्वाद को संतुलित करता है। यह षड रस यानी 6 स्वादों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे आयुर्वेद में स्वास्थ्य के लिए आवश्यकमाना गया है।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .