लक्ष्मीजी आरती | Lakshmiji Aarti

By Tami

Published on:

लक्ष्मीजी आरती

धर्म संवाद / डेस्क : माँ लक्ष्मी को धन- धान्य की देवी कहा जाता है. उनकी पूजा करने से कभी भी धन की कमी नहीं होती और जीवन में सुख शांति बनी रहती है। माता लक्ष्मी की पूजा के बाद उनक आरती करने की परंपरा है। इस आरती से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

[short-code1]

यह भी पढ़े : जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी  लिरिक्स  | Jai Ambe Gauri Maiya Jai Shyama Gauri Lyrics

दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

यह भी पढ़े : ॐ जय जगदीश हरे आरती लिरिक्स | Om Jay Jagdish Hare Aarti Lyrics

तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥


See also  नवग्रह स्त्रोत का पाठ

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .