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जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने 77 साल की उम्र में ली समाधि

By Tami

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जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने 77 साल की उम्र में ली समाधि

धर्म संवाद / डेस्क : जैन समाज के वर्तमान के महावीर कहे जाने वाले आचार्य विद्यासागर महाराज ने 18 फरवरी 2024 को देह त्याग कर समाधी ले ली.आचार्य विद्यासागर महाराज का दिगंबर मुनि परंपरा से समाधि पूर्वक मरण हो गया. आचार्य विद्यासागर ने 3 दिन पहले ही समाधि मरण की प्रक्रिया को शुरू कर पूर्ण रूप से अन्न-जल का त्याग कर दिया था और अखंड मौन व्रत ले लिया था.

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आचार्य विद्यासागर महराज का जन्म कर्नाटक के बेलगांव के सदलगा गांव में 10 अक्तूबर 1946 को हुआ था. आचार्य विद्यासागर महराज के तीन भाई और दो बहन स्वर्णा और सुवर्णा ने भी उनसे ही ब्रह्मचर्य लिया था. वे अब तक 500 से ज्यादा दिक्षा दे चुके हैं. हाल ही में 11 फरवरी को आचार्य विद्यासागर महराज को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में उन्हें ब्रह्मांड के देवता के रूप में सम्मानित किया गया.

जानकारी के लिए बता दे आचार्य विद्यासागर महाराज ने समाधि के तीन दिन पहले ही अपने आचार्य पद का त्याग किया और अपना आचार्य पद उनके पहले मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समयसागर को सौंप दिया. बताया जा रहा है कि 6 फरवरी को ही उन्होंने मुनि समयसागर और मुनि योगसागर को एकांत में बुलाकर अपनी जिम्मेदारियां उन्हें सौंप दी थी. बता दें कि ये दोनों मुनि समयसागर और योगसागर उनके ग्रहस्थ जीवन के सगे भाई हैं. 

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आचार्य विद्यासागर महाराज की माता का नाम श्रीमति और पिता का नाम मल्लपा था.उनके माता-पिता ने भी उनसे ही दिक्षा लेकर समाधि मरण की प्राप्ति की थी. पूरे बुंदेलखंड में आचार्य विद्यासागर महाराज ‘छोटे बाबा’ के नाम से जाने जाते हैं.

आचार्य विद्यासागर महाराज के दर्शन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ भी कर चुके हैं. उन्होंने गरीबों से लेकर जेल के कैदियों तक के लिए काम किया. भारतीय संतो में उनका नाम हमेशा हमेशा के लिए अमर रहेगा. आपको बता दे समाधी आचार्य विद्यासागर महाराज की उम्र 77 साल थी .और उन्होंने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में 3 दिनों के उपवास के बाद अपना शरीर  त्यागा.

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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