धर्म संवाद / डेस्क : सनातन धर्म में भगवान शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है। शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ा कर भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। अगर आप अपने घर के मंदिर में शिवलिंग स्थापित करते हैं तो आपको कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। चलिए जानते हैं क्या कहते हैं शास्त्र ।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार , घर में बड़ा शिवलिंग रखना शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए घर में स्थापित शिवलिंग का आकार छोटा होना चाहिए और ये अंगूठे के आकार से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
मंदिर में शिवलिंग की संख्या कभी भी एक से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। शिवलिंग शिव जी का प्रतीक है और भगवान शिव एक ही हैं, इसलिए हमें एक ही घर में अलग-अलग प्रतीकों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
घर के कोने में शिवलिंग न रखें। ऐसा करने से भगवान शिव की ठीक से पूजा नहीं हो पाती है।
घर में शिवलिंग ऐसे स्थापित करें कि पूजा के समय भक्त का मुख पूर्व दिशा की ओर हो और शिवलिंग पश्चिम दिशा की ओर रखें। शिवलिंग की जलधारी हमेशा उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए। इसके अलावा आप शिवलिंग की जलधारी पूर्व दिशा की ओर भी रख सकते हैं ।
शिवलिंग का स्थान न बदलें, अगर विशेष कारणों से ऐसा करना पड़ रहा है, तो शिवलिंग को हटाने से पहले उसे गंगाजल और ठंढे दूध से स्नान कराएं फिर जगह को बदलें।






