श्री दशावतार स्तोत्र | Shree Dasavtar Strotam

By Tami

Published on:

धर्म संवाद / डेस्क : भगवान विष्णु ने धर्म की रक्षा करने के लिए दस अवतार लिए थे. इन्हें दशावतार कहा जाता है. दसों अवतारों को एक साथ प्रसन्न करने के लिए श्री दशावतार स्त्रोत्र का पाठ किया जाता है. दसों अवतारों का आशीर्वाद पाने के लिए दशावतार स्त्रोत्र का पार्थ सबसे आसान तरीका है. इससे मानसिक शांति मिलती है तथा नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.

यह भी पढ़े : श्री हरि स्तोत्र का पाठ | Shree Hari Strotram Path

(1)
प्रलय-पयोधि-जले धृतवन असि वेदं
विहिता-वहित्र-चरित्रं अखेदम
केशव धृत-मीना-शरीर जया जगदीसा हरे

(2)
क्षितिर इहा विपुलतरे तिष्ठति तव पृष्ठे
धरणी- धारणा-किना-चक्र-गरिश्ते
केसव धृत-कूर्म-शरीरा जया जगदीसा हरे

(3)
वसति दासना-शिखारे धरणी तव लग्न
सासिनी कलंक-कलेवा निमग्ना
केसव धृत-शुक्र-रूप जया जगदीसा हरे

(4)
तव कारा-कमला-वरे नखम अदभुत-श्रृंगम
दलित-हिरण्यकशिपु-तनु-भृंगम
केसव धृत-नरहरि-रूप जया जगदीसा हरे

(5)
चालयसि विक्रमणे बालिम अदभुत-वामन
पद-नख-निरा-जनिता-जन-पवन
केसव धृत-वामन-रूप जया जगदीसा हरे

(6) )
क्षत्रिय-रुधिर-मये जगत-अपगत-पापम
स्नैपयसी समिता-भव-तपम
केसव धृत-भृगुपति-रूप जया जगदीसा हरे

(7)
वितरसि दिक्षु रान दिक-पति-कमनीयम
दास-मुख-मौली-बलीम रमणीयम
केसव धृत-राम -शरीरा जया जगदीसा हरे

(8)
वहसि वपुशी विसादे वसनम जलदभम
हल-हति-भीति-मिलिता-यमुनाभम
केसव धृत-हलाधारा-रूप जया जगदीसा हरे

(9)
निंदासी यज्ञ-विधेर अहाहा श्रुति-जातम
सदाय-हृदय दर्शिता-पशु-घाटम
केसव धृत-बुद्ध-शरीरा जया जगदिसा हरे

(10)
म्लेच्छ-निवाह-निधाने कलयासी करावलम
धूमकेतुम इव किम अपि करलम
केसव धृत-कल्कि-शरीरा जया जगदिसा हरे

(11)
श्री-जयदेव-कावेर इदम् उदितम् उदारम
श्रीनु सुख-दम शुभ- दम भव-सरम
केसव धृत-दश-विधा-रूपा जया जगदीसा हरे

(12)
वेदं उद्धारते जगन्ति वाहते भू-गोलं उद्बिभ्रते
दैत्यं दारयते बलिम चलयते क्षात्र-क्षयं कुर्वते
पौलस्त्यं जयते हलं कलायते करुण्यम अतनवते
म्लेच्छन मुर्चयते दासकृति-कृते कृष्णाय तुभ्यम नमः

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

– श्री जयदेव गोस्वामी

See also  युगल किशोर की आरती

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .