धर्म संवाद / डेस्क : बहुत सारे लोग अपने घर में श्री कृष्ण के बाल स्वरुप यानी लड्डू गोपाल की मूर्ति रखते हैं. साथ ही प्रतिदिन उनकी पूजा भी करते हैं.उन्हें केवल मंदिर में ही नहीं रखा जाता है, बल्कि उन्हें अपने घर का सदस्य मान कर अपने साथ रखा जाता है.यदि आप घर में लड्डू गोपाल रखे रहे हैं, तो कई तरह के नियमों का पालन करना पड़ता है.
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सबसे पहले जानते हैं कि लड्डू गोपाल को घर कब लाना चाहिए.आपको बता दे लड्डू गोपाल को घर में लाने के लिए वैसे तो कोई शुभ मुहूर्त नहीं होता है, इसलिए जिस दिन मन करें, उसी दिन आप लड्डू गोपाल को घर में ला सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें की जब भी आप लड्डू गोपाल को घर लाएं तो प्राण प्रतिष्ठा के साथ उनकी स्थापना अवश्य करें.
लड्डू गोपाल श्री कृष्ण का बाल स्वरुप है.यही कारण है उनकी सेवा एक बच्चे के रूप में किया जाता है. नियमित रूप से उन्हें स्नान करवाया जाता है. इसके अलावा लड्डू गोपाल अलग-अलग रंग वाले साफ़-सुथरे वस्त्र पहनाएं जाते हैं, जैसे सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को नारंगी, शनिवार को नीला और रविवार को लाल पोशाक आदि.
लड्डू गोपाल को वस्त्र पहनाने के बाद उनका श्रृंगार कराएं. लड्डू गोपाल को चंदन का टीका लगाएं, जेवर पहनाएं. लड्डू गोपाल को दिन में 4 बार भोग लगाएं. आप रसोई में जो कुछ भी पकाएं, लड्डू गोपाल को उसका भोग जरूर लगाएं. इसके अलावा आप उन्हें माखन-मिश्री, बूंदी के लड्डू, खीर और हलवे का प्रसाद भी चढ़ा सकते हैं. हमेशा एक पानी का गिलास इनके पास अवश्य रखें.
यदि आप कान्हा को अपना बेटा बनाकर लाएं हैं तो कभी भी घर में अकेला छोड़कर नहीं जाएं. यदि आप ज्यादा समय के लिए घर से बाहर जा रहे हैं तो इन्हें भी अपने साथ ले जाएं, या फिर किसी ऐसे के पास छोड़ जाए जो इनकी नित्त सीवा कर सके. रात होने के बाद लड्डू गोपाल को उनके बिस्तर पर सुला देना चाहिए और मंदिर का पर्दा गिरा देना चाहिए. रात को बाल गोपाल को सुलाने के बाद ही सोएं. इससे भगवान प्रसन्न होते हैं एवं घर में उनकी कृपा बनी रहती है.