Holi Special : Radha krishna Holi images

By Sanjana Kumari

Published on:

Holi

Holi देश के कई हिस्सों में धूम धाम से मनाई जाती है। हर साल की तरह फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन का आयोजन किया जाता है और अगले दिन होली खेली जाती है। Holi में भगवान श्री कृष्ण की नगरी ब्रज में बहुत सुन्दर से बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। Holi को राधा- कृष्ण के प्रेम से जोड़ा जाता है. होली में लोग एक दुसरे को Holi की शुभकानाए देते है और ये शुभकानाए राधा कृष्णा की तश्वीर से जुडी हो तो होली में चार चाँद लग जाते है. तो दोस्तों हम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको Holi में राधा कृष्णा की टॉप 5 images के बारे जिससे आप किसी को शुभकामनायें दे सकते है.  

Radha krishna top 5 Holi images

यह भी पढ़े : होली पर अपने Status Game को बनाए और मजबूत, दोस्तों को भेजे ये Photos

होली से जुड़े अकसर पूछे जाने वाले सवाल FAQ

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now


होली की शुरुआत किसने की?

यह अनुष्ठान होलिका की कहानी से लिया गया है, जिसने अलाव की लौ के माध्यम से हिरण्यकशिपु के पुत्र प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया था। हालाँकि होलिका को आग से प्रतिरक्षित रहने का वरदान प्राप्त था, लेकिन वह जलकर राख हो गई, जबकि प्रह्लाद सुरक्षित रहा।

होली का मजा क्या है?

समूह गाते और नृत्य करते हैं, कुछ ड्रम और ढोलक बजाते हैं। मौज-मस्ती और रंगों से खेलने के प्रत्येक पड़ाव के बाद, लोग गुझिया, मठरी, मालपुआ और अन्य पारंपरिक व्यंजन पेश करते हैं। मारिजुआना से बने पेय सहित कोल्ड ड्रिंक भी होली उत्सव का हिस्सा हैं।

होली कितने देशों में मनाई जाती है?

रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है।

होली पर रंग क्यों फेंकते हैं?

इसलिए, वह गाँव में घूमा और राधा के चेहरे पर रंग लगाया, ताकि दोनों एक जैसे दिखें। और निःसंदेह, इसने काम किया। अब, रंग फेंकना छुट्टी का एक हिस्सा है, जो उस चंचल प्रेम और स्नेह का प्रतिनिधित्व करता है जो कभी राधा और कृष्ण साझा करते थे।

See also  हो चुके हैं रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू, विराजने वाले हैं श्रीराम

होली के पिता कौन थे?

होलिका हिरण्याक्ष एवं हिरण्यकसिपु नामक दैत्यों की बहन और कश्यप ऋषि और दिति की कन्या थी। जिसका जन्म जनपद- नगलाडांङा कासगंज के सोरों शूकरक्षेत्र नामक स्थान पर हुआ था। होलिका राक्षसी भक्त प्रहलाद की बुआ थी।


होली के दिन क्या क्या नहीं करना चाहिए?

होलिका दहन पर मुख्य रूप से होलिका माता की पूजा की जाती है और घर में सुख समृद्धि की कामना की जाती है। इसलिए भूलकर भी इस दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। चूंकि होलिका दहन पूर्णिमा तिथि को पड़ता है। इसलिए इसका और भी अधिक महत्त्व है और इस दिन तामसिक भोजन पूर्ण रूप से वर्जित माना जाता है।

होलिका का इतिहास क्या है?

हिरण्यकश्यपु के कहने पर होलिका प्रह्लाद को मारने के लिए अपनी गोद में बैठाकर आग में प्रवेश कर कई। किंतु भगवान विष्णु की कृपा से तब भी भक्त प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई। तभी से बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में होलिका दहन होने लगा और ये त्योहार मनाया जाने लगा।


होलिका क्यों नहीं जलाना चाहिए?

किसी भी नव विवाहिता को होलिका की आग देखने से भी मना किया जाता है. होलिका दहन की अग्नि को एक जलते हुए शरीर का प्रतीक माना गया है. कहते हैं कि अगर नवविवाहिता होलिका दहन की अग्नि देखती है तो उसे वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

होली वाले दिन क्या खाना चाहिए?

होलिका दहन ने कि दिन गेहूं और गुड़ से बनी रोटी का सेवन करना शुभ माना गया है। इस दिन होलिका की पवित्र अग्नि में सेंकी गई रोटियों का सेवन करना भी शुभ माना गया है। होलिका दहन के दिन सफेद चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

होली का असली नाम क्या है?

होलिका दहन, होली त्योहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है जिसे धुलेंडी, धुलंडी और धूलि आदि नामों से भी जाना जाता है। होली बुराई पर अच्छाई की विजय के उपलक्ष्य में मनाई जाती है।

Sanjana Kumari