धर्म संवाद / डेस्क : होली के त्योहार की प्रतीक्षा हर भारतवासी को रहती है. इस दिन सब एक दुसरे को रंग लगाकर होली की बधाइयाँ देते हैं साथ ही स्वादिष्ट पकवान भी खाते हैं. कहा जाता है कि इस दिन दुश्मन भी एक दूसरे के गले लग जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां होली का त्योहार नहीं मनाया जाता है. जी हाँ ये बात एकदम सच है. चलिए जानते हैं उन जगहों के बारे में.
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कसमार गांव, झारखंड
झारखंड राज्य में बोकारो जिले के बेरमो उपखंड में कसमार सीडी ब्लॉक नाम का एक गाँव है. इस गाँव में आज से नहीं बल्कि कई वर्षों से होली नहीं मनाई जाती है. यहाँ के लोगों की मान्यता है कि लगभग 100 साल पहले एक राजा की बेटी की मौत होली के दिन हो गई थी. इस घटना के बाद राजा की भी मौत हो गई थी मौत से पहले राजा ने लोगों से कहा था कि होली नहीं मानना। तब से यहां होली नहीं मनाई जाती है.
बनासकांठा, गुजरात
गुजरात के बनासकांठा जिले में भी इसी तरह का एक गांव है- जहां लोग होली नहीं मना रहे हैं. इस गांव का नाम रामसन है. इस गांव को कुछ संतों का श्राप मिला हुआ है. इसकी वजह से ही यहां के लोग होली का जश्न नहीं मनाते हैं.
रुद्रप्रयाग
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के तीन गांव क्विली, कुरझन और जौदला में भी होली का त्योहार नहीं मनाया जाता है.स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां की देवी त्रिपुर सुंदरी को शोर-शराबा पसंद नहीं है.इसलिए इन तीनों गांव में होली नहीं मनाई जाती है.
तमिलनाडु, दक्षिण भारत
दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में भी होली नहीं खेली जाती है. कहा जाता है कि होली के दिन यहां के लोग स्थानीय पर्व मासी मागम मनाते हैं इस खास मौके पर तमिलनाडु के कई लोगों का मानना है कि इस दिन आकाशीय जीव धरती पर उतरते हैं.