यहाँ भगवान राम को दिया जाता है गार्ड ऑफ ऑनर, माने जाते हैं राजा

By Admin

Published on:

धर्म संवाद / डेस्क : भगवान श्रीराम सिर्फ अयोध्या के ही नहीं ओरछा के भी राजा है। जी हा ओरछा में श्रीराम को भगवान नहीं बल्कि राजा मान कर पूजा जाता है। और तो और उन्हें दिन में 4 बार गार्ड ऑफ़ हॉनर दिया जाता है।

झांसी से 20 किलोमीटर दूर  मध्य प्रदेश  की सीमा पर बेतवा नदी किनारे स्थित ओरछा में भगवान राम का मंदिर है। इसे राम राजा सरकार के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की जिम्मेदारी प्रशासन के हाथ में है। नायब तहसीलदार इसके व्यवस्थापक होते हैं। यहां रोजाना एक पुलिसकर्मी भगवान राम को सलामी देता है।  साढ़े चार सौ वर्ष से यहाँ राजा राम की सत्ता कायम है।  आस्था ऐसी है कि शादी हो या कोई और मांगलिक कार्यक्रम, पहला निमंत्रण रामराजा सरकार को जाता है। नववधू का गृहप्रवेश भी सरकार के दर्शन से पहले नहीं होता। सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए मंदिर में छापे-हल्दी लगे हाथ की छाप- लगाते हैं। हर साल निमंत्रण पत्र के यहां लगने वाले ढेर और हल्दी के रंग से चटक हुई दीवार यहां की गौरवशाली परंपरा की निशानी है।

[short-code1]

यह भी पढ़े : राम मंदिर के आस पास कहाँ ठहरे , जाने होटल्स की सूची

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

आपको बता दे गार्ड ऑफ ऑनर देने कि परंपरा बुंदेल राजवंश के दौर में शुरू हुई थी। अब यहां सशस्त्र बल के जवानों की स्थाई तैनाती की गई है। पूजन आरती के बाद गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। श्रीराम के राज्याभिषेक के उपलक्ष्य में दिवाली के दिन मंदिर की ओर से 108 दीप जलाकर ड्योढ़ी पर रख दिए जाते हैं। लोग अपने घर से दीपक लेकर आते हैं जिसे उसी जगह रखकर मंदिर का प्रज्ज्वलित दीपक लेकर घर जाते हैं इसके बाद ही पूजा होती है।

See also  भारत का पहला मंदिर जहां विदेशी महिलाएं हैं पुजारी, मासिक धर्म में भी जाने की है अनुमति

मान्यता है कि ओरछा की महारानी कुंवर गणेशी भगवान श्रीराम की परम भक्त थीं। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर श्रीराम ने बाल रूप में उन्हें दर्शन दिए और वर मांगने को कहा। रानी ने उन्हें अपने साथ चलने को कहा तो श्रीराम ने कहा कि मैं तुम्हारे साथ चल पडूंगा, पर जहां बैठ जहां जाऊंगा, वहां से फिर नहीं उठूंगा और वहां का राजा बन कर रहूंगा। श्रीराम को यहां प्रतिमा के रूप में लाने में उन्हें 8 महीने लगे।  मंदिर में स्थापना से पहले राम राजा को मंदिर के गर्भगृह में रखा गया। जब उन्हें गर्भगृह से चतुर्भुज मंदिर ले जाने की कोशिश की गई, तो शर्त के अनुसार वह पहले स्थान पर ही स्थापित हो गए। उन्हें कोई उठा ही नहीं पाया। बस तभी से भगवान राम यहां के राजा हैं।

Admin