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यहां हनुमान जी की दाढ़ी मूछें हैं-सालासर बालाजी मंदिर

By Tami

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यहां हनुमान जी की दाढ़ी मूछें हैं

धर्म संवाद / डेस्क : हनुमान जी भक्तों के सारे संकट हर लेते हैं। इसी वजह से उन्हे संकटमोचन भी कहा जाता है। माना जाता है कि जो भी भक्त संकट में भगवान हनुमान को याद करता है, बजरंगबली उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं साथ ही संकटों से लड़ने की शक्ति भी प्रदान करते हैं। वैसे तो देश भर में हनुमान जी के कई अद्भुत और चमत्कारी मंदिर हैं। परंतु एक मंदिर ऐसा है जहां वे दाढ़ी मूँछों के साथ विराजित है। जी हाँ, यह विश्व का एकलौता ऐसा मंदिर है जहां बजरंगबली की प्रतिमा की दाढ़ी मूछें हैं। इन्हे सालासर बालाजी के नाम से जाना जाता है।

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यह मंदिर राजस्थान के चुरू जिले में हैं। इस मंदिर को लेकर कई मान्यता हैं। भक्तों का मानना है कि यहां से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता है।सालासर बालाजी हर किसी की मनोकामना पूर्ण करते हैं। माना जाता है कि हनुमान जी की यह मूर्ति स्वयं प्रकट हुई है। बताया जाता है कि राजस्थान के असोटा गांव का एक किसान अपने खेत में हल चला रहा था, तभी उसका हल अचानक किसी सख्त चीज से टकराकर फंस गया। जांच करने पर किसान को वहां एक पत्थर दिखाई दिया। किसान ने पत्थर को हटाया और आगे खुदाई शुरू की तो उसे हनुमान की एक मूर्ति मिली। उसी रात वहाँ के जमींदार को हनुमान जी दाढ़ी मूंछ में ही दर्शन दिए। इसलिए हनुमान जी यहाँ दाढ़ी-मूँछ में ही स्थापित हैं।

सालासर मंदिर में भगवान हनुमान को चूरमा खिलाने की प्रथा है। बताया जाता हैं कि जिस जाट के खेत में बालाजी की प्रतिमा निकली थी। उसकी मन्नत पूरी होने पर बालाजी को चूरमे का भोग लगाया था। यहाँ चढ़ावे में खासतौर पर नारियल रखा जाता है। हर साल करीब 25 लाख नारियल मंदिर में चढ़ाए जाते हैं। यहां बालाजी की धूणी भी काफी चमत्कारी बताई जाती है। ये वही धूणी है जो भक्त मोहनदास ने 300 साल पहले जलाई थी जो आज भी अखंड ज्योत के रूप में जल रही है।

 मंदिर में कई तरह के अनुष्ठान होते हैं। चैत्र माह की पूर्णिमा और आश्विन माह की पूर्णिमा को मेला लगता है । इस मेले में 5 से 7 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुँचते हैं। इनमें नारियल बांधना, सवामणी और मंदिर के कुओं से पानी पीना सबसे लोकप्रिय हैं।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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