धर्म संवाद / डेस्क : श्री कृष्ण को समर्पित एक अद्भुत भजन ।
गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ,
गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ,
मेरे मुरलीधर माधव, मेरे मुरलीधर माधव,
नंदलाल चले आओ, गोविंद चले आओ,
गोपाल चले आओ, गोविंद चले आओ,
गोपाल चले आओ ॥
आँखों में बसे हो तुम, धड़कन में धड़कते हो,
कुछ ऐसा करो मोहन, स्वासों में समां जाओ,
कुछ ऐसा करो मोहन, स्वासों में समां जाओ,
गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ ॥
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इक शर्त ज़माने से, प्रभु हमने लगा ली है,
इक शर्त ज़माने से, प्रभु हमने लगा ली है,
या हमको बुला लो तुम, या खुद ही चले आओ,
या हमको बुला लो तुम, या खुद ही चले आओ,
गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ ॥
तेरे दर्शन को मोहन, मेरे नैन तरसते है,
तेरे दर्शन को मोहन, मेरे नैन तरसते है,
तेरे दर्शन को मोहन, मेरे नैन तरसते है,
तेरे दर्शन को मोहन, मेरे नैन तरसते है,
गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ ॥
गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ,
गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ,
मेरे मुरलीधर माधव, मेरे मुरलीधर माधव,
नंदलाल चले आओ, गोविंद चले आओ,
गोपाल चले आओ, गोविंद चले आओ,
गोपाल चले आओ ॥