धर्म संवाद / डेस्क : हिन्दू पंचांग में मार्गशीर्ष माह को अत्यंत पवित्र माना गया है। यह महीना भगवान श्रीकृष्ण एवं भगवान विष्णु को समर्पित है। भगवद्गीता में स्वयं श्रीकृष्ण कहते हैं “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्”, अर्थात महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं।
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इस पवित्र काल में आने वाली एकादशी तिथियों का महत्व और भी अधिक हो जाता है। दिसंबर 2025 में कुल 3 महत्वपूर्ण एकादशी व्रत पड़ रहे हैं:
- मोक्षदा एकादशी
- सफला एकादशी
- पौष पुत्रदा एकादशी
इन तिथियों पर शुभ योगों का संयोग और लक्ष्मी-नारायण राजयोग बनने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।
मोक्षदा एकादशी 2025 — गीता जयंती विशेष
उदयतिथि के अनुसार व्रत: 1 दिसंबर 2025 (सोमवार)
| विवरण | जानकारी |
| तिथि प्रारंभ | 30 नवंबर 2025, रात 09:28 बजे |
| तिथि समाप्त | 1 दिसंबर 2025, शाम 07:01 बजे |
| सर्वश्रेष्ठ अमृत मुहूर्त | सुबह 06:56 से 08:15 बजे तक |
| शुभ-उत्तम मुहूर्त | सुबह 09:33 से 10:52 बजे तक |
धार्मिक महत्व
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- इसी तिथि पर कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था, इसलिए गीता जयंती भी मनाई जाती है।
सफला एकादशी 2025 — सफलताओं की वर्षा
उदयतिथि के अनुसार व्रत: 15 दिसंबर 2025 (सोमवार)
| विवरण | जानकारी |
| तिथि प्रारंभ | 14 दिसंबर 2025, रात 08:46 बजे |
| तिथि समाप्त | 15 दिसंबर 2025, रात 10:09 बजे |
| अभिजीत मुहूर्त | 11:56 AM से 12:37 PM तक |
धार्मिक महत्व
- भगवान विष्णु की पूजा-उपासना से अपूर्ण कार्य सफल होते हैं
- धन-लाभ, समृद्धि और व्यावसायिक उन्नति की प्राप्ति
- मनोकामनाएँ पूरी होने का उत्तम दिन
पौष पुत्रदा एकादशी 2025 — संतान सुख देने वाली तिथि
उदयतिथि के अनुसार व्रत: 30 दिसंबर 2025 (मंगलवार)
| विवरण | जानकारी |
| तिथि प्रारंभ | 30 दिसंबर 2025, सुबह 07:51 बजे |
| तिथि समाप्त | 31 दिसंबर 2025, सुबह 05:00 बजे |
धार्मिक महत्व
- संतान प्राप्ति व संतान की सुख-समृद्धि हेतु अत्यंत शुभ
- विष्णु उपासना से कुल में वृद्धि और कष्टों का शमन
- वैवाहिक जीवन में सौभाग्य और खुशहाली
मार्गशीर्ष में एकादशी व्रत का लाभ
- पापों का नाश
- विष्णु कृपा और मोक्ष प्राप्ति
- घर-परिवार में सुख-शांति
- आर्थिक लाभ और प्रतिष्ठा
