धर्म संवाद / डेस्क : श्री राम की कल्पना हनुमान जी के बिना नहीं की जा सकती. और हनुमान जी की कल्पना भी बिना प्रभु श्री राम के नहीं की जा सकती. यह भजन उसी रिश्ते को बखूबी दर्शाता है.
दुनिया चले ना श्री राम के बिना,
राम जी चले ना हनुमान के बिना।
जब से रामायण पढ़ ली है, एक बात मैंने समझ ली है,
रावन मरे नी श्री राम के बिना, लंका जले ना हनुमान के बिना॥
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लक्षण का बचना मुश्किल था, कौन बूटी लाने के काबिल था,
लक्षण बचे ना श्री राम के बिना, बूटी मिले ना हनुमान के बिना॥
सीता हरण की कहानी सुनो, बनवारी मेरी जुबानी सुनो,
वापिस मिला ना श्री राम के बिना, पता चले ना हनुमान के बिना॥
बैठे सिंघासन पे श्री राम जी, चरणों में बैठे हैं हनुमान जी,
मुक्ति मिला ना श्री राम के बिना, भक्ति मिले ना हनुमान के बिना॥