धर्म संवाद / डेस्क : तुलसी और पीपल दोनों ही हिंदू धर्म में पूजनीय माने जाते हैं। सभी घरों में तुलसी का पौधा जरूर होता है। तुलसी का पौधा माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। पीपल के वृक्ष को भी भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है। लेकिन क्या इन्हें एक साथ लगाया जा सकता है? चलिए जानते हैं।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी और पीपल के पेड़ को एक साथ या पास-पास नहीं लगाना चाहिए। इसका एक कारण यह भी है कि तुलसी की पूजा घर में की जाती है, जबकि पीपल की पूजा अधिकतर खुले स्थानों या मंदिरों में होती है। मान्यता है कि घर पर पीपल का पेड़ लगाने से धनहानि होने लगता है। वहीं, जो लोग घर में तुलसी का पौधा लगते हैं, उनके पास कभी भी धन की कमी नहीं होती है। घर में तुलसी का पौधा लगाने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है।
पीपल और तुलसी को एक साथ रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है। तुलसी के पौधे के पास कोई भी कांटेदार पौधा नहीं लगाना चाहिए। तुलसी के पौधे के पास झाड़ू, कूड़ादान, चप्पल-जूते, कैक्टस या शमी का पौधा नहीं रखना चाहिए। घर पर शमी का पौधा लगाना वास्तु के अनुसार शुभ माना गया है। लेकिन तुलसी के आसपास इसे लगाने से बचना चाहिए। शमी और तुलसी के पौधे के बीच कम से कम 4-5 फीट की दूरी जरूर होनी चाहिए।
कैक्टस भी कांटेदार पौधा होता है, इसलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार इसे घर के लिए शुभ नहीं माना जाता है। वहीं कैक्टस के पौधे को राहु का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इसे तुलसी पौधे के आसपास लगाने से बचना चाहिए। यदि आप तुलसी और पीपल दोनों को लगाना चाहते हैं, तो इन्हें उचित दूरी पर लगाना चाहिए। तुलसी को खुली जगह में धूप मिलनी चाहिए, जबकि पीपल को ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए, जहाँ इसका फैलाव आसानी से हो सके।
तुलसी को घर के आंगन या छत पर लगाया जाए और पीपल को किसी खुले स्थान, मंदिर परिसर, या सड़क किनारे लगाया जाए, ताकि दोनों पौधे अच्छे से विकसित हो सकें और पर्यावरण को लाभ पहुँचा सकें।