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ब्रह्मचारिणी माता आरती | Brahmacharini Mata Aarti

By Tami

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ब्रह्मचारिणी माता आरती

धर्म संवाद / डेस्क : नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्माचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी दुष्टों को सही रास्ता दिखाने वाली हैं। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से आलस्य, अंहकार, लोभ, असत्य, स्वार्थ व ईर्ष्या दूर हो जाती हैं। मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया। इस कारण मां को ब्रह्मचारिणी एवं तपस्चारिणी कहा गया। माता की पूजा करने के बाद यह आरती करे। 

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जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता।जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥

ब्रह्म मन्त्र है जाप तुम्हारा।जिसको जपे सरल संसारा॥

जय गायत्री वेद की माता।जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता॥

कमी कोई रहने ना पाए।कोई भी दुख सहने न पाए॥

उसकी विरति रहे ठिकाने।जो तेरी महिमा को जाने॥

रद्रक्षा की माला ले कर।जपे जो मन्त्र श्रद्धा दे कर॥

आलस छोड़ करे गुणगाना।माँ तुम उसको सुख पहुँचाना॥

ब्रह्मचारिणी तेरो नाम।पूर्ण करो सब मेरे काम॥

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।रखना लाज मेरी महतारी॥

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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