वास्तु के अनुसार, घर की खिड़की कैसी होनी चाहिए

By Tami

Published on:

खिड़की

धर्म संवाद / डेस्क : हिन्दु धर्म में वास्तु शास्त्र का बहुत ध्यान रखा जाता है। वास्तु के अनुसार, की गयी चीज़े अथवा रखा हुआ सामान आपके घर को सकारात्मकता और मन को शांत और परिपक्व बनाता है। जब भी नया घर बनाया जाता है उसके खिड़की दरवाजों पर विशेष ध्यान दिया जाता है क्यूंकि घर हमेशा नहीं बन पता।वास्तु शास्त्र में खिड़कियों के कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। चलिए जाते हैं कि घर में कहां खिड़कियां लगानी चाहिए ।

यह भी पढ़े : कैसा होना चाहिए डाइनिंग हॉल, वास्तु क्या कहता है वास्तु शास्त्र

वास्तु शास्त्र कहता है खिड़कियों की संख्या सहीं हो तो घर में बरकत होती है। इसके साथ ही एक बात ध्यान में रखनी होती है कि इनकी संख्या सम यानि Even होनी चाहिए- जैसे 2 ,4 ,6 ,8 ,10। आपको बता दें कि खिड़की के लिए पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी दिशा की दीवार सबसे शुभ मानी जाती है। उत्तर दिशा में खिड़की का खुलना अच्छा माना जाता है। इससे घर की आर्थिक स्थिति अच्छी बना रहती है। वहीं, दक्षिण और पश्चिम दिशा में खिड़की नहीं बनवानी चाहिए, क्योंकि इस दिशा के स्वामी राहु और केतु हैं। अगर  इस दिशा में खिड़कियां बनाना जरूरी हों तो इन्हें कम से कम खोलें। घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर खिड़कियां बनवानी चाहिए। इससे चुंबकीय चक्र पूरा होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह लगातार बना रहता है। 

हमेशा ध्यान रखे , खिड़कियाँ खोलते या बंद करते समय आवाज नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसा होने पर नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। खिड़कियां हमेशा अंदर की ओर खुलनी चाहिए। खिड़की का आकार जितना बड़ा हो, उतना अच्छा माना जाता है। खिड़कियों को प्रतिदिन थोड़ी देर के लिए जरूर खोलना चाहिए। इससे घर में अच्छे प्रकाश के साथ सकारात्मक ऊर्जा का वास रहता है। 

वास्तु के अनुसार खिड़कियां हमेशा दरवाजों के विपरीत होनी चाहिए ताकि सकारात्मक चक्र पूरे हो सके। इससे परिवार को सुख और उन्नति मिलती है। जब भी आप दरवाज़ों की दिशा निर्धारित करें उसी समय खिड़कियों के बारे में सही स्थान तय कर लें। घर में सभी खिड़कियों का आकार बिना किसी बदलाव के समान होना चाहिए।  हमेशा ध्यान रखें कि घर की सभी खिड़कियों का आकार चौड़ाई में भिन्न हो सकता है लेकिन ऊंचाई में नहीं। यदि आपकी खिड़की का कांच कभी टूट जाता है तो इसको तुरंत बदलना चाहिए। टूटी हुई खिड़की नकारात्मकता को घर के भीतर लाती है और बीमारियों का कारण बनती है।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

Exit mobile version