धर्म संवाद / डेस्क : महाकुंभ के लिए साधु-संतों, अखाड़ों के शिविर लगे हैं. किसी ने मनभावन मंदिर और दुर्ग बनाया है तो किसी ने हवा महल ही खड़ा किया है. एक शिविर प्रभु प्रेमी सेवा संघ का का बन रहा है. यह शिविर किसी शहर से कम नहीं होगा. यह शिविर जूना अखाड़े के संत स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज का शिविर है. इसके निर्माण में दो करोड़ से अधिक की लागत का अनुमान है.
यह भी पढ़े : आखिर क्यों नागा साधु शाही स्नान से पहले करते हैं 17 श्रृंगार? जाने इस अद्भुत परंपरा का अर्थ
प्रयागराज महाकुंभ में सेक्टर 18 की वीआईपी शिविर का नगर कहा जाय तो कहीं से अनुचित नहीं होगा. इसी सेक्टर के अन्नपूर्णा मार्ग पर तैयार हो रहा प्रभु प्रेमी सेवा संघ का शिविर एक किले के अंदर बसे नगर का लुक दे रहा है. शिविर के प्रशासनिक अधिकारी बताते हैं कि 56 बीघे में यह शिविर बना है. इसके निर्माण में दो करोड़ से अधिक की लागत का अनुमान है. पूरा शिविर तीन प्रमुख हिस्सों में विभाजित है. शिविर के बीच में एक गुम्बद तैयार किया गया है, जिसमें आचार्य महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी जी प्रवास कर रहे है . उसके दाहिने हाथ में प्रवचन पंडाल का निर्माण हो रहा है, जिसकी क्षमता 2 लाख से अधिक की है. शिविर के अंदर ही 50 बेड की क्षमता का एक अत्याधुनिक अस्पताल भी है.
शिविर भगवा रंग से सजा हुआ है. सामने लगी आदि शंकराचार्य की मूर्ति शुद्ध तांबे से बनी हुई है. प्रवेश करते ही बांसुरी की मधुर धुन सुनाई देती है. जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेश आनंद गिरि जी महाराज यहां भागवत की कथा कहेंगे. भागवत कथा के अलावा यहां पर सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों पर भी कई कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिसमें पर्यावरण और जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं. जन संरक्षण और पर्यावरण पर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने विशेष कार्य किया है, जिसे लेकर यहां कई सेमिनार और वर्कशॉप भी आयोजित होंगे.