धर्म संवाद / डेस्क : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की गति का जीवन पर गहरा असर माना जाता है। किसी ग्रह का राशि परिवर्तन हो या उसकी चाल वक्री (retrograde) हो जाए, दोनों ही परिस्थितियां बारहों राशियों के लिए अलग-अलग परिणाम लेकर आती हैं। इसी क्रम में नवंबर 2025 की 11 तारीख ज्योतिष की दृष्टि से बेहद खास होने वाली है, क्योंकि इस दिन देवगुरु बृहस्पति की चाल बदल जाएगी।
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बृहस्पति ग्रह ज्ञान, धर्म, धन, संतान, विवाह और समृद्धि के कारक माने जाते हैं। ये धनु और मीन राशि के स्वामी हैं तथा कर्क राशि में उच्च के माने जाते हैं। जब बृहस्पति उच्च के होते हैं, तब वे अपने शुभ प्रभावों का पूरा फल देते हैं, लेकिन जब यही ग्रह वक्री हो जाते हैं तो निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होती है और व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर महसूस करता है।
कब होंगे वक्री बृहस्पति
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, 11 नवंबर 2025 (मंगलवार) की रात 10:11 बजे बृहस्पति ग्रह कर्क राशि में वक्री हो जाएंगे। यह स्थिति 5 दिसंबर 2025 तक बनी रहेगी। यानी पूरे 24 दिनों तक बृहस्पति अपनी वक्री अवस्था में रहेंगे।
कर्क राशि जल तत्व की राशि है, जिसके स्वामी चंद्रमा हैं। इसलिए इस गोचर का सीधा असर भावनाओं, परिवार, मातृत्व और घरेलू सुख-सुविधाओं पर पड़ेगा।
चार राशियां जिन पर रहेगा वक्री बृहस्पति का नकारात्मक असर
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए बृहस्पति चौथे भाव में वक्री होंगे। यह भाव मां, घर, संपत्ति और सुख-सुविधा से जुड़ा होता है। इस अवधि में मां के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ सकती है। घर-परिवार में विवाद या असंतोष बढ़ने की संभावना है। वाहन संबंधी परेशानी या छोटा हादसा भी संभव है। वित्तीय रूप से 35 से 40 प्रतिशत तक हानि का योग बन रहा है। इसलिए इस अवधि में संयम और सतर्कता बरतना जरूरी होगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति लग्न भाव में वक्री हो रहे हैं। उच्च के बृहस्पति के वक्री होने से जातक अति आत्मविश्वास में गलत फैसले ले सकते हैं। इस समय मानसिक तनाव, नींद की कमी और पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। दांपत्य जीवन में गलतफहमी या विवाद बढ़ सकते हैं। आत्मसम्मान को ठेस लगने की भी संभावना रहेगी।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए बृहस्पति दसवें भाव में वक्री होंगे, जो करियर, पिता और सम्मान का भाव है। इस दौरान कार्यक्षेत्र में बॉस या वरिष्ठों से टकराव संभव है। किसी प्रोजेक्ट में देरी या आर्थिक नुकसान हो सकता है। व्यवसाय करने वाले जातकों को निवेश में सतर्कता रखनी चाहिए। पिता से मतभेद या पारिवारिक जिम्मेदारी बढ़ सकती है। कानूनी मामलों से भी उलझन संभव है।
मकर राशि
मकर राशि के लिए बृहस्पति सातवें भाव में वक्री होंगे, जो विवाह और साझेदारी से संबंधित है। जीवनसाथी के साथ तनाव या दूरी बढ़ सकती है। अविवाहित जातकों के लिए विवाह प्रस्तावों में रुकावट आ सकती है। व्यापारिक साझेदारी टूटने का खतरा है। इस अवधि में भावनाओं के बहाव में निर्णय लेने से बचें, अन्यथा नुकसान हो सकता है।






