नाग पंचमी 2025: सावन में नाग देवता की आराधना का पावन पर्व

By Tami

Published on:

नाग पंचमी 2025

धर्म संवाद / डेस्क : सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 29 जुलाई 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा। सनातन धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन नाग देवता की विधिपूर्वक पूजा करने से जातकों पर सर्पों की कृपा बनी रहती है और कुंडली में उपस्थित कालसर्प दोष सहित सभी प्रकार के सर्प भय से मुक्ति मिलती है।

यह भी पढ़े : अब हर मौसम में होंगे बाबा केदारनाथ के दर्शन, 7 किमी लंबी सुरंग की तैयारी

नाग पंचमी 2025 की तिथियां और शुभ मुहूर्त

  • पंचमी तिथि प्रारंभ: 28 जुलाई 2025, रात 11:24 बजे
  • पंचमी तिथि समाप्त: 30 जुलाई 2025, सुबह 12:46 बजे
  • पूजन का शुभ समय: 29 जुलाई को सुबह 5:41 से 8:23 बजे तक
    चूंकि उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, इसलिए नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई को ही मनाया जाएगा।

नाग पंचमी का महत्व और कथा

भविष्य पुराण के ब्रह्मा पर्व में वर्णित कथा के अनुसार, इस दिन नाग लोक में विशाल उत्सव का आयोजन होता है। जो भी व्यक्ति इस दिन नागों को गाय के दूध से स्नान कराता है, उसके परिवार को सर्पों का भय नहीं रहता और नाग देवता उसे अभयदान देते हैं।

WhatsApp channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

महाभारत में भी इस पर्व का उल्लेख मिलता है। कथा के अनुसार, राजा जन्मेजय ने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए नाग यज्ञ कराया, जिसमें अनेक सर्प अग्नि में आकर भस्म होने लगे। तभी आस्तिक नामक ब्राह्मण ने यह यज्ञ रोक दिया और नागों की रक्षा की। यह घटना भी श्रावण शुक्ल पंचमी के दिन हुई थी।

See also  Bhai Dooj 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

स्कंद पुराण में नाग पंचमी के व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। इसके अनुसार चतुर्थी को एक बार भोजन करना चाहिए और पंचमी को नक्त (रात्रि में) भोजन करना चाहिए।

पूजन विधि

इस दिन स्वर्ण, चांदी, काष्ठ या मिट्टी से बने पाँच फणों वाले नाग की श्रद्धापूर्वक पूजा की जाती है। घर के द्वार पर गोबर से बड़े-बड़े नाग बनाकर उन्हें दधि (दही), दुर्वा, कनेर, मालती, चमेली, चम्पा के फूल, गंध, अक्षत, धूप और दीप से पूजना शुभ माना जाता है। पूजा के बाद ब्राह्मणों को घृत, मोदक और खीर का भोजन कराना पुण्यकारी होता है।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .