कुंभ मेले में किन देवी- देवताओं की पूजा होती हैं

महाकुंभ मेले के दौरान गंगा मैया की पूजा की जाती है क्योंकि यह मेला गंगा की घाटों पर ही लगता है।

माना जाता है कि समुद्र मंथन के बाद निकले अमृत कलश से छलकी बूंद के कारण महाकुंभ होता है।

अमृत कलश से भगवान विष्णु का भी संबंध है इसलिए इस दौरान भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है।

समुद्र मंथन 14 रत्न प्राप्त हुए। जिसमें से विष को महादेव ने ग्रहण किया।

विष के प्रभाव को शांत करने के लिए और महादेव को शीतल करने के लिए कई बार उनका जल से अभिषेक किया गया। ऐसा कहते हैं कि तबसे शिवजी के जलाभिषेक की परंपरा शुरू हुई।

इसलिए भगवान शिव की भी महाकुंभ के दौरान पूजा की जाती है।

भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करने का विधान है।

क्योंकि 14 रत्नों में मां लक्ष्मी भी प्रकट हुई थी ।