हिन्दू धर्म में जनेऊ एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक है, जिसे पुरुषों द्वारा पहना जाता है।

यह एक धागे की तीन या दो सूत्रों की माला होती है, जिसे यज्ञोपवीत भी कहा जाता है।

जनेऊ व्यक्ति बाएं कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे पहनता है।

मान्यता है कि इसको धारण करने से मनुष्य के द्वारा किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं.

जनेऊ पहनने से शुद्ध चरित्र और जप, तप, व्रत की प्रेरणा मिलती है.

जनेऊ पहनने से शिक्षा और आध्यात्मिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है.

जनेऊ पहनने से आयु, बल, और बुद्धि में वृद्धि होती है. सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है

जनेऊ पहनने से पूर्व जन्मों के बुरे कर्म नष्ट हो जाते हैं.

इसके स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी होते हैं। जनेऊ पहनने से शरीर में रक्त प्रवाह अच्छी तरह होता है.

इसके अलावा जनेऊ धारण करने से हृदय रोग और ब्लडप्रेशर की समस्या नहीं होती.

जनेऊ को पहनने से नकारात्मक ऊर्जा और विचारों से बचाव होता है.