धर्म संवाद / डेस्क : शालीग्राम को विष्णु भगवान का विग्रह रूप माना जाता है। ये काले रंग के गोल चिकने पत्थर के स्वरूप में होते हैं। इन्हीं के साथ माता तुलसी जी का विवाह हुआ है। शालिग्राम शीला नेपाल के गंडक नदी के तल में पाए जाते हैं। यहां पर सालग्राम नामक स्थान पर भगवान विष्णु का मंदिर है, जहां उनके इस रूप की पूजा होती है। कहा जाता है कि इस ग्राम के नाम पर ही उनका नाम शालिग्राम पड़ा। कहते है कि जिन घरों में नियम पूर्वक शालिग्राम जी की पूजा की जाती है, वहां पर हमेशा भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। लेकिन क्या एक से अधिक शालिग्राम घर में रखना शुभ है। चलिए जानते हैं।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर में उपहार में लाया हुआ शालिग्राम कभी भी स्थापित नहीं करना चाहिए। हमेशा खरीद हुआ शालिग्राम ही स्थापित करें।
घर में शालीग्राम हमेशा एक ही होना चाहिए। अगर आपके घर एक से ज्यादा शालीग्राम है तो इसे क्षमा मांगते हुए नदी में बहा दें। एक से ज्यादा शालिग्राम शुभ नहीं माना जाता। 2 शालीग्राम रखना भगवान विष्णु के दो रूपों की उपस्थिति का प्रतीक हो सकता है, जो असंतुलन पैदा कर सकता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा फैलने लग जाती है।