महाभारत का युद्ध धर्म युद्ध था और इसके साथ ही ये युद्ध अपनों से ही लड़ जा रहा था
इस वजह से इस युद्ध की शुरुआत से पहले ही भीष्म पितामह की सलाह पर कुछ खास नियम बनाए गए थे ।
युद्ध का समय सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही रहेगा। सूर्यास्त के पश्चात् युद्ध नहीं होगा।
युद्ध समाप्ति के पश्चात छल-कपट छोड़कर सभी लोग प्रेम का व्यवहार करेंगे।
रथी रथी से, हाथी वाला हाथी वाले से और पैदल वाले पैदल के सिपाही से ही युद्ध करेगा।
एक वीर के साथ एक ही वीर युद्ध करेगा।
भय से भागते हुए या शरण में आए हुए लोगों पर अस्त्र-शस्त्र से प्रहार नहीं किया जाएगा।
जो वीर निहत्था हो जाएगा उस पर कोई अस्त्र नहीं उठाया जाएगा।
युद्ध में सेवक का काम करने वालों पर कोई अस्त्र नहीं उठाएगा।
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