धर्म संवाद / डेस्क : अयोध्या में मंगलवार यानि 16 जनवरी को जलाई गयी 108 फीट की अगरबत्ती . इसे ख़ास गुजरात के वडोदरा में तैयार किया गया है. अयोध्या के द्वार पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने इस अगरबत्ती को जलाकर अयोध्या की हवाओ को और भी भक्तिमय कर दिया. आपको बता दे हिन्दू धर्म में 108 अंक का बहुत ज्यादा महत्व होता इसी को ध्यान में रख कर इस अगरबत्ती को तैयार किया गया है. अगरबत्ती के जलते हीं इसकी खुशबू रामनगरी में महकने लगी है.
वडोदरा से ये अगरबत्ती 1 जनवरी को रवाना हुई थी. 110 फीट के रथ के सहारे इसे अयोध्या लाया गया था. आपको बता दे इस अगरबत्ती को गुजरात के वडोदरा निवासी गौपालक विहाभाई बरवाड़ ने बनाया है। अगरबत्ती का वजन 3610 किलोग्राम है और इसकी चौड़ाई 3.5 फीट है। अगरबत्ती के निर्माण में 374 किलो गुगल, 374 किलो गोला, 280 किलो जौ, 191 किलो गाय का घी, 108 किलो गुगल परफ्यूम, 475 किलो विभिन्न प्रकार की हवन सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा अन्य सामग्रियों को मिलाकर कुल 3657 किलो सामग्री को अगरबत्ती बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया है.
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108 फीट कि ये ख़ास अगरबत्ती औषधीय गुणों से भरपूर है. अगरबत्ती के निर्माता विहा भाई बरवाड़ ने बताया कि हजारों साल से राम भक्तों को इंतजार था कि भगवान राम कब अपने निज स्थान में पधारेंगे. अब ये इंतजार 22 जनवरी को खत्म होने जा रहा है. स पल को यादगार बनाने के लिए हमने भगवान राम के लिए 108 फीट लंबी औषधीय युक्त अगरबत्ती का निर्माण किया है. ये सिर्फ 108 फीट लंबी अगरबत्ती नहीं है बल्कि ये 108 कुंडीय हवन यज्ञ भी है. हवन कुंड में जितनी सामग्री लगती है उतनी ही इस अगरबत्ती को बनाने में लगी है.
आपकी जानकारी के लिए बता दे अगरबत्ती को जलाने के बाद ये लगातार 41 दिन तक जलती रहेगी. लेकिन अगर इसे ज्योति की तरह जलाएंगे तो 10 से 15 दिन लगातार जलती रहेगी.