धर्म संवाद / डेस्क : संतों में सांई बाबा सबसे सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। उन्होंने दुनिया को श्रद्धा और सबुरी का पाठ पढाया। यह भी माना जाता है कि जिन्होंने साईं को भजा उसके संकट उसी तरह दूर हो गए जिन्होंने हनुमान को भजा और तुरंत ही आराम पाया। साईं बाबा के मंदिर में आपने हनुमानजी की मूर्ति या तस्वीर ज़रूर देखि होगी। आइए जानते हैं कि साईं बाबा और बजरंगबली के बीच कैसा नाता रहा है।
यह भी पढ़े : हनुमान जी ने क्यों धारण किया था पंचमुखी रूप
शिरडी में सांई बाबा के समाधि परिसर में ही एक हनुमान मंदिर है। यहाँ बजरंगबली की दक्षिणमुखी मूर्ति विराजमान है। मान्यता है कि साईं बाबा हनुमान जी के दर्शन के बाद ही अपने दिन की शुरुआत करते थे और यही कारण है कि हर साईं मंदिर में हनुमान जी का मंदिर भी जरूर होता है। सांई के जन्मस्थली पाथरी में साईं मंदिर स्थापित है और इस मंदिर में साईं बाबा के सारे सामान रखें हैं जिनका वह प्रयोग किया करते थे। इनमें बर्तन, पुरानी वस्तुएं, घंटी और देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं। इन मूर्तियों में हनुमान जी की एक मूर्ति है। यह मूर्ति बहुत पुरानी है। माना जाता है कि साईं बाबा इन्हीं की पूजा किया करते थे।
साथ ही आपको बता दे शशिकांत शांताराम गडकरी की पुस्तक ‘सद्गुरु सांई दर्शन’ में वर्णित है कि साईं बाबा का परिवार बजरंगबली का भक्त था । हनुमानजी साईं बाबा के कुल देवता हुआ करते थे। सांई के जन्मस्थली से कुछ दूर सांई बाबा का पारिवारिक मारुति मंदिर भी है। कहा जाता है कि साईं बाबा यही पर स्वयं पूजा किया करते थे। वहाँ पास ही एक कुंवा भी है। वो प्रतिदिन स्नान करने के बाद हनुमान मंदिर जाते और पूजा अर्चना के बाद ही अन्न ग्रहण करते थे। कहा जाता है कि सांई बाबा अपने अंतिम समय में राम विजय प्रकरण कर ही प्राण त्यागे थे।