धर्म संवाद / डेस्क : हमारे हिन्दू धर्म शास्त्रों के कुछ किस्से कहानियाँ ऐसे हैं जिनके बारे में हर कोई जानता है परंतु साथ ही कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिनके बार में हर कोई नहीं जानता । जैसे ये तो सब जानते हैं कि भगवान गणेश के 2 पुत्र हैं-शुभ और लाभ। परंतु क्या आपको पता है कि भगवान गणेश की एक पुत्री भी हैं। जी हाँ, भगवान गणपती की एक पुत्री हैं , उन्हे हम माता संतोषी के नाम से जानते हैं। चलिए जानते हैं उनके जन्म की पौराणिक कथा।
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पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान गणपति अपनी बहन से रक्षा सूत्र बंधवा रहे थे। तभी गणेश के पुत्रों ने इस रस्म के बारे में उनसे पूछा। तब गणेश जी ने कहा कि ये भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। ये बात सुनकर शुभ-लाभ बड़े उत्साहित हुए और उन्होंंने गणेश जी से कहा कि उन्हें भी एक बहन चाहिए, जिससे वो रक्षासूत्र बंधवा सकें।
शुभ-लाभ की इस मनोकामना को पूरा करने के लिए भगवान गणेश ने अपनी शक्तियों से एक ज्योति उत्पन्न की और दोनों पत्नियों रिद्धि-सिद्धि की आत्मशक्ति के साथ उसे सम्मिलित कर लिया। इस ज्योति ने कुछ देर बाद एक कन्या का रूप ले लिया, जिसका नाम संतोषी रखा गया। तब से उस कन्या को संतोषी माता के नाम से जाना जाने लगा। चूंकि संतोषी माता का जन्म शुक्रवार के दिन हुआ था, इसलिए उनकी पूजा शुक्रवार के दिन की जाती है।