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कब होता है कुंडली में राजयोग

By Tami

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कुंडली में राजयोग

धर्म संवाद / डेस्क : ज्योतिष शास्त्र के ज़रिये आप अपना भूत और भविष्य जान सकते है। एक व्यक्ति की कुंडली उसके आने वाले कल का पूरा ब्यौरा दे सकती है।कुंडली का निर्माण ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति द्वारा होता हे। ग्रहों की विशेष परिस्थिति पर कुंडली में राजयोग बनता है। राजयोग वो शुभ योग कहा जाता है जिसमें व्यक्ति अपने अच्छे कर्मों के सबसे शुभ फल प्राप्त करता है और उसे राजा के समान जीवन और भौतिक सुख सुविधाएं मिलती है। जब कुंडली में राजयोग बनता है तो जातक जिस काम में हाथ डालता है, वहां उसे सफलता मिलती है। उसके हर काम बन जाते हैं।चलिए जानते हैं कि कुंडली में राजयोग कैसे बनत है और इसका पता कैसे लगाया जाता है। 

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ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि अगर किसी जातक की कुंडली के नौवें और दसवें भाव में बैठे ग्रह शुभ हैं तो कुंडली में राजयोग का निर्माण होता है ।साथ ही कुंडली में चंद्रमा ग्यारहवें घर में और गुरु तीसरे घर में स्थित होने पर भी राजयोग बनता है। कुंडली के पांचवें घर में बुध और दसवें घर में चंद्रमा होने पर राजयोग का फल प्राप्त होता है। भृगु वेद में कहा गया है कि जिस कुंडली में बुध और चंद्रमा की शुभ स्थिति राजयोग बनाती है, ऐसे जातक राजनीति में काफी सफल होते है।

राजयोग भी विभिन्न प्रकार के होते हैं। जैसे की :-

शश राजयोग- शनि जब मकर या कुंभ राशि में होता है अथवा अपनी उच्च राशि तुला में होता है तब शश नामक योग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति धीरे धीरे सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते हुए समाज में यश और प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं।

मालव्य राजयोग- वृष, तुला अथवा मीन राशि में जब शुक्र होता है तब मालव्य योग बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति सुन्दर और सौभाग्यशाली होता है। प्रसिद्धि इनके साथ-साथ चलती है।

रूचक राजयोग-यह राजयोग तब बनता है जब मंगल मकर राशि अथवा अपनी राशि मेष या वृश्चिक में केन्द्र स्थान में होता है। एस जातक बहुत ही साहसी होते हैं । ऐसे व्यक्ति जहां भी होते हैं लोग इन्हें सम्मान देते हैं। यह राजा के समान शानो-शौकत से रहते हैं।

हंस राजयोग- कुण्डली में गुरू जब धनु, मीन अथवा कर्क में राशि में होता है तब हंस राजयोग बनता है। ऐसा व्यक्ति बहुत ही बुद्धिमान होता है। इनकी निर्णय क्षमता अच्छी होती है। राजनीतिक सलाहकार, शिक्षण अथवा प्रबंधन के क्षेत्र में ऐसे लोग बहुत ही कामयाब होते हैं।

भद्र राजयोग-यह योग बुध बनाता है जब वह मिथुन या कन्या राशि में होता है। यह योग जिनकी कुण्डली में होता है वह काफी बुद्धिमान और व्यवहार कुशल होते हैं। अपनी बुद्धि और चतुराई से ऐसे लोग कार्य क्षेत्र में उच्च पद प्राप्त करते हैं।

Tami

Tamishree Mukherjee I am researching on Sanatan Dharm and various hindu religious texts since last year .

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