धर्म संवाद / डेस्क : रुद्राक्ष के अनेक लाभ होते हैं. माना जाता है रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसूओं से निर्मित है. रुद्राक्ष शब्द दो शब्दों को जोड़कर बना है- रूद्र और अक्ष. रूद्र का अर्थ है भगवान शिव और अक्ष का मतलब है आंसू. यानी रुद्राक्ष का अर्थ है रूद्र के आंसुओं से उत्पन्न. रुद्राक्ष का प्रयोग ग्रहों की शांति के लिए, अध्यात्मिक लाभ के लिए और अपनी सुरक्षा के लिए किया जाता है.
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पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार तपस्या के दौरान जब भगवान भोलेनाथ अत्यंत भावुक हो गए तो उनके नेत्रों से कुछ आंसू की बूंदें धरती पर गिरी जिनसे रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई. रुद्राक्ष का पेड़ कई पहाड़ी इलाकों में पाया जता है. नेपाल, बर्मा, थाईलैंड या इंडोनेशिया में यह पेड़ बहुत पाया जाता है. इसी पेड़ का बीज रुद्राक्ष कहलाता है. हालांकि भारत में भी कई पहाड़ी इलाकों में एक विशेष ऊंचाई पर यह पेड़ पाया जाता है.
शिव महापुराण ग्रंथ में कुल सोलह प्रकार के रूद्राक्ष बताएं गए है:-
1. एक मुखी रुद्राक्ष
यह साक्षात् शिव का स्वरुप माना जाता है. इसे पहनने से शोहरत, पैसा, सफलता प्राप्ति और ध्यान करने के लिए सबसे अधिक उत्तम होता है.
2. दो मुखी रुद्राक्ष
यह अर्धनारीश्वर स्वरुप माना जाता है. इसे धारण करने से आत्मविश्वास और मन की शांति प्राप्त होती है.
3. तीन मुखी रुद्राक्ष
यह रुद्राक्ष अग्नि और तेज का स्वरुप होता है. मंगल दोष के निवारण के लिए इसी रुद्राक्ष को धारण किया जाता है.
4. चार मुखी रुद्राक्ष
यह ब्रह्मा का स्वरुप माना जाता है. त्वचा के रोगों, मानसिक क्षमता, एकाग्रता और रचनात्मकता में इसका विशेष लाभ होता.
5. पांच मुखी रुद्राक्ष
इसको कालाग्नि भी कहा जाता है. इसको करने से मंत्र शक्ति और ज्ञान प्राप्त होता है. इसका संबंध बृहस्पति ग्रह से है.
6. छः मुखी रुद्राक्ष
इसको भगवान कार्तिकेय का स्वरुप माना जाता है. इसे ज्ञान और आत्मविश्नास के लिए खास माना जाता है. यह शुक्र ग्रह के लिए लाभकारी होता है.
7. सात मुखी रुद्राक्ष
इसको सप्तऋषियों का स्वरुप माना जाता है. इसे आर्थिक और करियर में विकास के लिए धारण किया जाता है. इसके देवता माता महालक्ष्मी, ग्रह- शनि एवं राशि मकर और कुंभ है.
8. आठ मुखी रुद्राक्ष
इसे अष्टदेवियों का स्वरुप माना जाता है. इसे धारण करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं. इसे राहु संबंधित समस्या से छुटकारा मिलता है.
9. नौ मुखी रुद्राक्ष
इसे धारण करने से शक्ति, साहस और निडरता प्राप्त होती है. ये धन-सम्पत्ति, मान-सम्मान, यश बढ़ाने में सहायक साबित होता है.
10. दस मुखी रुद्राक्ष
इसे धारण करने से दमा, गठिया, पेट, और नेत्र संबंधी रोगों से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा मुख्य रूप से नाकारात्मक शक्तियों से बचाता है.
11. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
इसको धारण करन से आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है. धार्मिक मान्यता है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में सहयोगी होता है.
12 बारह मुखी रुद्राक्ष
इसको धारण करने से उदर रोग, ह्रदय रोग, मस्तिष्क से संबंधित रोगों में लाभ मिलता है. इसके अलावा सफलता प्राप्ति के लिए भी पहना जाता है.
13 तेरह मुखी रुद्राक्ष
इसको वैवाहिक जीवन को सफल बनाने के लिए पहना जाता है. इसका संबंध शुक्र ग्रह से है.
14. चौदह मुखी रुद्राक्ष
इसको धारण करने से छठी इंद्रीय जागृत होने और सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है.