सावन का महीना शुरू होते ही चारों ओर हरियाली छा जाती है और बारिश से मौसम सुहाना हो जाता है.

सालों भर जहां हमें हरी साग सब्जियां खाने की हिदायत दी जाती है वहीं सावन के महीने में ऐसा करने से मना किया जाता है.

दरअसल आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में वात, पित्त और कफ तीन तरह के दोष होते हैं. 

इसलिए शास्त्रों में ऋतुचार्य भोजन यानी मौसम के अनुसार भोजन करने की बात कही गई है.

इसके अनुसार, सावन यानी बरसात के मौसम में शरीर में वात बढ़ने लगता है.

इसलिए इस महीने ऐसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, जो वात को बढ़ाती हो.

हरी पत्तेदार सब्जियां वात को बढ़ाती हैं. यही कारण है कि सावन महीने में इन्हें खाने से मना किया जाता है .

बरसात के मौसम में कीट पतंग अधिक पनपते हैं. इनके प्रजनन का बेस्‍ट मौसम और जगह ये प्रत्‍तेदार सब्जियां होती हैं.

इन पर वह अंडे देते हैं और पत्‍तों को खाकर उनका पोषण करते हैं.

इसलिए इस मौसम में इन्‍हें ना खाएं तो बेहतर है.