आमतौर पर किसी भी मंदिर में भगवान को चढ़ाया जाने वाला भोग 'प्रसाद' कहलाता है लेकिन पुरी में भगवान जगन्नाथ को जो भोग चढ़ाया जाता है, उसे 'महाप्रसाद' कहा जाता है।

इसके बारे में एक लोककथा है कि एक बार प्रभु वल्लभाचार्य एकादशी के व्रत के समय पुरी के जगन्नाथ मंदिर में पहुंचे थे। वहां उन्हे प्रसाद दिया गया।

इसके बाद से ही पुरी के जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद को 'महाप्रसाद' कहा जाने लगा।

आपको बता दे सभी व्यंजनों को मिट्टी के बर्तन में ही पकाया जाता है।

चुल्हे पर भोग को पकाते समय एक के ऊपर एक इस तरह से 7 बर्तन रखे जाते हैं। सभी व्यंजन भाप से पकते हैं।

खास बात यह है कि जो बर्तन सबसे ऊपर रखा जाता है, आश्चर्यजनक रूप से उस बर्तन का खाना सबसे पहले पकता है।