सोने के गहने पहनना भारत की संस्कृति है.

सदियों से राजा-महाराजाओं और रानी-महारानियों ने सोने के गहने पहने हैं.

आज भी लगभग सभी महिलाएं कानों में सोने की इयररिंग्स और गले में सोने के गहने और हाथों में कंगन और अंगूठियां भी सोने की ही पहनना पसंद करती हैं.

परन्तु सोने को पैरों में कभी नहीं पहना जाता.पैरों में हमेशा चांदी ही पहनी जाती है.

हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार, सोना माँ लक्ष्मी से सम्बंधित है जिस वजह से सोना पैरो में नहीं लगाया जाता . मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी का अनादर होता है.

साथ ही ये भी कहा जाता है कि सोने के गहने पैरों में पहनने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं, जिससे घर में दरिद्रता आती है.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार, सोना शरीर के तापमान को बढ़ा देता है इसलिए सोने की पायल, बिछिया पहनने से स्वास्थ्य संबंधित समस्या हो सकती है.

चांदी शरीर को शीतलता प्रदान करती है साथ ही शरीर का तापमान भी संतुलित रखती है.

साथ ही कहा जाता है कि पैरों में दर्द होने की समस्या में चांदी की पायल पहनने से लाभ मिलता है.

पूरे आभूषण केवल सोने के पहनने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।

कमर से ऊपर सोने के आभूषण और कमर से नीचे चांदी के आभूषण धारण करने से शरीर का तापमान संतुलित रहता है।