सनातन धर्म में रोज मंदिर जाने को कहा गया है।

ऐसा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है।

परन्तु दोपहर के समय मंदिर जाना गलत बताया गया है।

धर्म शास्त्रों में दोपहर में मंदिर न जाने के पीछे तीन कारण बताए गए हैं.

पहला कारण ये है कि दोपहर के समय हमारे शरीर में आलस भरा होता है. हमारा दिमाग नींद में होता है.

ऐसे में भगवान के दर्शन और पूजा पाठ में सही से मन नहीं लग पाता, जिस कारण पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है, इसलिए दोपहर में भगवान के दर्शन करना उचित नहीं माना जाता है.

दोपहर का समय भगवान के शयन के लिए होता है.

ऐसे में दोपहर के समय मंदिर जाने से भगवान की निद्रा में बाधा उत्पन्न होती है. इसी कारण दिन में मंदिर जाना उचित नहीं माना जाता है.

तीसरा कारण यह है कि मंदिर में दोपहर के समय उनके दर्शन अतृप्त आत्माएं करती हैं। यह वहां जाकर अपनी मुक्ति की भगवान से भीख मांगती हैं।

ऐसे में मंदिर जाकर इन अदृश्य शक्तियों और भगवान के बीच होने वाली भेंट में बाधा पैदा करने के समान माना जाता है।