हिन्दू धर्म में भोलेनाथ के मंदिर में पूजा के बाद 3 बार ताली बजने का विधान है.

स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखे तो ताली बजाने से हमारे शरीर में रक्त संचार तेज होता है.साथ ही कई रोगों से भी छुटकारा मिलता है.

पहली ताली अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए बजाई जाती है.

दूसरी ताली बजाकर महादेव से अपने कष्टों और दुखों के निवारण के लिए याचना की जाती है.

वहीं तीसरी ताली में जातक भगवान से प्रार्थना करता है कि वे अपना आशीर्वाद सबसे उस पर बनाए रखें.

धार्मिक मान्यताओं की मानें तो इसकी शुरुआत रावण ने की थी.

कहते हैं रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की, उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने रावण को शक्ति और लंका का राज्य दिया था।

इस बात से प्रसन्न होकर रावण ने भगवान से आभार व्यक्त करते हुए पूजा के बाद तीन बार ताली बजाई थी. तब से यह परंपरा चली आ रही है.

साथ ही यह भी कहते हैं कि भगवान श्री कृष्ण ने संतान प्राप्ति के लिए शिव जी की आराधना कर तीन तालियां बजाई थी.

जब रामेश्वरम में स्थापना हो रही थी, उस समय भगवान श्री राम ने भी 3 ताली बजाकर प्रभु शिव के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी.